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खीमाराम मेवाडा
तखतगढ़ नगर पालिका बोर्ड की आवश्यक बैठक दो घंटे तक चली हंगामेदार, नेता प्रतिपक्ष ने दिखाई सदन को पुलिंदा लगाया करोड़ो का भ्रष्टाचार का आरोप,
पूर्व बोर्ड ने बिन्दु संख्या 15 तखतगढ नगरपालिका क्षेत्र में बिना बोर्ड सक्षम स्वीकृती के जारी अनुज्ञा-पत्र व दुकाने नीलामी के प्रकरण को निरस्त किया तो फिर मामला आगे कैसे बढा।
राजस्थान उच्च न्यायालय में जो बोर्ड को गुमराह कर कार्य किये है। ठोस तथ्यो के साथ याचिका को निरस्त करवाया जायेगा
तखतगढ 15 जनवरी;(खीमाराम मेवाडा) बुधवार को स्वामी विवेकानंद बस स्टैंड परिसर के प्रथम तल पर पालिका सभागार में पालिका अध्यक्ष ललित रांकावत की अध्यक्षता में बुलाई आवश्यक बोर्ड बैठक में अधिशासी अधिकारी मगराज चौधरी ने बैठक आहुत करने सम्बंधित सूचना सदन को पढकर बताया कि माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान एस.बी.सिविल रिट पीटीशन संख्या 19337/2024 से 19381/2024 तक के पीटीशनरो को राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक माह भीतर-भीतर प्राप्त अभ्यावेदनो के निस्तारण हेतू बोर्ड बैठक बुलाई गई है। सम्मानिय बोर्ड से अनुरोध कि इस प्रकरण पर आप अपनी राय देवे।
अधिशासी अधिकारी भादराज चौधरी द्वारा बोर्ड को अवगत करवाने के बाद पार्षद भंवर मीणा ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पूर्व बोर्ड बैठक में तत्कालीन इओ योगेश आचार्य द्वारा नीलामी निकाली गई थी। तो इस पर वर्ष 2019-20 में नीलामी प्रक्रिया से पूर्व ही संभागीय आयुक्त कार्यालय जोधपुर से नीलामी प्रक्रिया के विरुद्ध स्थगन आदेश लाया गया था। जब नीलामी प्रक्रिया ही स्थगित करवाई गई थी। तो फिर ये प्रकरण इतना आगे कैसे बढा इस प्रकरण को आगे बढाने में किसकी भूमिका रही। जिसको लेकर पार्षद भंवर मीणा बार-बार नगर पालिका प्रशासन को टॉर्चर करते रहे और कहां की क्यों नहीं उन सभी दोषियो के विरुद्ध पालिका स्तर से मुकदमा दर्ज करवाया जाये। इस दौरान मात्र एक ही पार्षद द्वारा बीच में ठोकने पर पार्षद भवर मीणा ने अधिशासी अधिकारी से कहां कि इन्होंने भी बदरली रोड स्थित नया खेड़ा आम रास्ते पर पट्टे बनवाए उनको भी निरस्त किया जाए।
जिस पर उपस्थित पालिका के उपाध्यक्ष सहित सभी पक्ष और विपक्ष के पार्षदो ने एक ही स्वर में सहमति दी की इस प्रकरण को यही अपास्त किया जाय और दोषियो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए जिससे की मामला फिर से कभी आगे नही बढ सके।
उपाध्यक्ष मनोज नामा ने पालिका अध्यक्ष को इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि मेरी जानकारी में यह प्रकरण नही था। एम्पावर्ड कमेटी की बैठक भी मेरी गैर-मौजूदगी में हुई थी। व एम्पावर्ड कमेटी में लिया गया प्रस्ताव स्वामी विवेकानंद बस स्टैंड के पास वाली भूमि नीलामी, सिंचाई विभाग एवं डाक बंगले के सामने वाली भूमि नीलामी की जानी है। नीलामी योजना के निम्न प्रावधान इस प्रकार है। कि निदेशक स्थानीय निकाय विभाग जयपुर के संदर्भित आदेश दिनांक 14.6.2022 के अनुसार निगरानीकर्तागण ( सरसा पत्नी भूराराम मेघवाल व अन्य के द्वारा नगरपालिका की बैठक दिनांक 05.07.2021 के बैठक कार्यवाही विवरण कार्यालय नगरपालिका तखतगढ के पत्र क्रंमाक एफ/01 सामान्य शाखा /2021/1237 दिनांक 06.07.21 में पारित प्रस्ताव संख्या 15 जिससे पूर्व नीलामी को निरस्त करने का निर्णय पारित करने के उपरांत निगरानीकर्ताओ द्वारा पालिका के विरुद्ध पालिका अधिनियम 2009 की धारा 337 के अंतर्गत निगरानी मय प्रार्थनापत्र पत्र निदेशक के समक्ष प्रस्तुत किया गया। तो क्या इतनी प्रक्रिया चली और आपकी जानकारी में यह मामला क्यो नही आया। इस पर पालिकाध्यक्ष ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि एम्पावर्ड कमेटी की बैठक 23.9.2023 जो बुलाई गई थी। उसकी जानकारी नही थी। और मुझे दस्खत भी बाद में करवाए गये थे। जिस पर पालिकाध्यक्ष उपाध्यक्ष मनोज नामा खासे नाराज होकर पालिका अध्यक्ष पर सवालो की झडी लगाते हुए यह कहने लगे कि आपको तो और भी पालिका में क्या क्या हुआ इस की भी कोई जानकारी नही होगी। क्या टास्कावावास में 120×120 के मिनी गार्डन में 10 लाख रुपये के स्ट्रीट पोल का टेंडर निकाला था। उसकी भी जानकारी नही है। इस तरह से चैयरमैन को पालिका में हुए अन्य भ्रष्टाचार और जमीनो के घोटालो पर सवाल पूछते रहे। एक बारगी तो माहौल ऐसा गरमाया कि सभी पार्षदो ने सामुहिक इस्तीफे देने की बात तक कह डाली कि आपके इन सभी अनुचित कारनामो की वजह से हमें गांव वालो के सामने शर्मिंदा होना पड रहा है।
पार्षद राजेश कुमावत ने कहा कि यह इस बोर्ड की सबसे बडी बदनामी है। जब पूर्व बोर्ड में भी फर्जी तरीके से निकाली नीलामी को बोर्ड ने तत्कालीन विधायक जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में अनुज्ञा-पत्र व खांचा भूमि सम्बंधित मामले को निरस्त कर दिये जाने का निर्णय लिया था। तो यह मामला फिर बार बार आगे क्यो बढ रहा है।
पूर्व पालिकाध्यक्ष अंबादेवी रावल ने कहा कि पालिका क्षेत्र की बेशकीमती जमीनो पर भूमाफियाओ की निगाह है। यदि बोर्ड का रवैया इसी तरह चलता रहा तो करोडो की जमीन कौडियो के दाम हाथ से निकल जायेगी। इस मामले को निरस्त किया जाए और जो भी इस प्रकरण में जनप्रतिनिधीगण या अधिकारी कर्मचारी शामिल है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में जरुर लाई जाए।
नेता प्रतिपक्ष अनराज मेवाडा ने बैठक में सदन को पूर्व बोर्ड में भी हुए भ्रष्टाचार को लेकर वर्तमान बोर्ड के भी भ्रष्टाचार का पुलिंदा दिखा कर दावे के साथ करोड़ों का भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि ये क्या मामला है। जब 4 साल पूर्व ही इसी सभागार में कथित नीलामी प्रक्रिया जो कि पालिका द्वारा कोई नीलामी प्रक्रिया अपनाई ही नही थी तो फिर ये नीलामी शब्द की आड में बेशकीमती जमीन को कौडियो के दाम पर दिये जाने का सारा मामला किसने तैयार करवाया है। जब 06 जुलाई 2021 की बोर्ड बैठक में यह निर्णय बोर्ड ने ले लिया था। कि पालिका क्षेत्र की किसी भी तरह की जमीन को अनुज्ञा पत्र या खांचा भूमि के नाम आंवटन नही करना है। तो मामला क्यो आगे बढा जो आज राजस्थान हाइकोर्ट तक जा पहुंचा है। यह पालिका प्रशासन की मिलीभगत का मामला लगता है जो सांठ-गांठ कर पालिका अधिपत्य की जमीन को कौडियो के दाम दिये जाने का खेला रचा गया है। उन सभी दोषियो के विरुद्ध कानूनी तौर पर मामला दर्ज करवाना चाहिए।
पार्षद विक्रम खटीक सहित सभी उपस्थित सदस्यो ने माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर द्वारा रिट पीटीशनरो के लिए जो भी निर्णय दिया है। उसका विरोध जताते हुए उचित कार्रवाई करवाते हुए प्रकरण को निरस्त करने की मांग रखी। सभी उपस्थित सदस्यो की राय अनुसार इओ मगराज चौधरी ने सदन को बताया कि बोर्ड सदस्यो ने जो भी निर्णय दिया है। इसे राजस्थान उच्च न्यायालय में जो बोर्ड को गुमराह कर कार्य किये है। ठोस तथ्यो के साथ याचिका को निरस्त करवाया जायेगा और उन सभी अनुज्ञाधारको को उनकी पालिका कोष में जमा राशि को पुनः लौटाए जाने की सार्वजनिक सूचना जारी कर दी जायेगी। मियाद अवधि में यदि ऐसे सभी भूमि मांगकर्ता अपनी राशि वापस नही लेते है। तो फोरफीट मानी जायेगी। एवम् इस मामले या एम्पावर्ड कमेटी जो 23 सितंबर 2023 को आयोजित हुई थी। और अनुज्ञा पत्र व खांचा भूमि दिये जाने का प्रस्ताव रखा था। उस कमेटी में उपस्थित हस्ताक्षरकर्ता के विरुद्ध जो भी कानूनी कार्रवाई बनेगी वह अमल में पालिका इओ द्वारा लाई जायेगी।
— इनका कहना है।, बुधवार को पालिका सभागार में बुलाई आवश्यक बैठक में पूर्व बोर्ड ने बिन्दु संख्या 15 तखतगढ नगरपालिका क्षेत्र में बिना बोर्ड सक्षम स्वीकृती के जारी अनुज्ञा-पत्र व दुकाने नीलामी के प्रकरण को निरस्त किया जा चुका था। साथ ही ऐसे सभी अनुज्ञा पत्रो या खांचा भूमि दिये जाने का मामला था। स्थानीय जागरुक नागरिको द्वारा संभागीय आयुक्त कार्यालय जोधपुर से स्थगन आदेश भी पारित करवाया था। जो आज दिन तक पालिका क्षेत्र में प्रभावी है। जब कोई स्थगन आदेश प्रभावी हो तो राजकीय अधिवक्ता की राय अनुसार यदि पालिका द्वारा संभागीय आयुक्त के व्यादेश की अवेहलना कर कोई कार्यवाही अमल में लाई जाती है। तो वह शुन्य है। अतः आज की बैठक में उपस्थित सभी पार्षदगणो ने एक बार फिर से उन सभी प्रकरणो को निरस्त किये जाने का प्रस्ताव दिया है। जो तखतगढ नगर की भूमि को अनुचित तरीके से बेचान करना चाह रहे है।
— मगराज चौधरी, अधिशासी अधिकारी – नगर पालिका तखतगढ़