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पाली-पाली में गुरुवार को डेढ़ साल की बच्ची खेलते हुए घर में बने वाटर टैंक में गिर गई। मां चिल्लाई तो पड़ोसियों ने बच्ची को टैंक से निकाला। अचेत बेटी को लेकर पिता बांगड़ हॉस्पिटल पहुंचा। वहां डॉक्टर ने घंटे तक बच्ची को बचाने की कोशिश की, लेकिन बचा नहीं पाए।
घटना पाली शहर के औद्योगिक थाना क्षेत्र के महाराणा प्रताप सर्किल की है। यहां RCC मिस्त्री पारसमल की बेटी गुंजन (18 माह) घर में खेल रही थी। इस दौरान वह वाटर टैंक में गिर पड़ी। घटना के समय मासूम की मां घर के काम-काज में व्यस्त थी। कुछ देर बाद बेटी दिखाई नहीं दी तो उसने टैंक में देखा। बेटी को गिरे देख मां की चीख निकल गई।
पिता बाइक पर लेकर हॉस्पिटल पहुंचा
पड़ोसियों की मदद से गुंजन को बाहर निकाला और काम पर गए पति पारसमल को फोन पर हादसे की सूचना दी। पारसमल तुरंत घर आया और पड़ोसी के साथ बाइक पर बेटी को लेकर दोपहर 3.30 बजे बांगड़ हॉस्पिटल के ट्रॉमा वार्ड में लेकर पहुंचा।
डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ ने बच्ची की ECG की गई, सीपीआर दिया। हार्ट को पम्प करने का प्रयास किया। लेकिन बच्ची में कोई हरकत नहीं हुई।
डॉक्टर ने दोबारा ECG कराई
इस दौरान ट्रॉमा वार्ड पहुंचे चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. SN स्वर्णकार ने दोबारा ECG करवाई। बच्ची की जान बचाने की कुछ संभावना दिखी तो बांगड़ हॉस्पिटल के PNCU वार्ड में ले गए। जहां डॉक्टर स्वर्णकार और उनकी टीम के डॉ राजवी और डॉ कैलाश गुंजन की जान बचाने में जुटे।
हार्ट बीट वापस लाने के लिए इंजेक्शन लगाए, इलेक्ट्रॉनिक शॉट दिए, सीपीआर दिया। लेकिन 2 घंटे की कोशिश के बाद भी बच्ची बच नहीं पाई। शाम 5.30 बजे बच्ची को डेड घोषित कर दिया गया। डॉ. स्वर्णकार और डॉ. राजवी बच्ची की मौत पर दुखी नजर आए।
डॉक्टर बोले- हमने पूरा प्रयास किया
डॉ. एसएन स्वर्णकार ने कहा- मासूम को जब लेकर आए थे तब उसकी स्थिति गंभीर थी। उसका हार्ट न के बराबर काम कर रहा था। बॉडी में पानी भर गया था। दूसरी बार ECG करवाई तो लगा कि अभी मासूम में कुछ जान बची है। प्रयास करेंगे तो शायद बचा लेंगे। इसलिए तुरंत ट्रॉमा वार्ड से PNCU वार्ड में ले गए। लेकिन दो घंटे ट्रीटमेंट करने के बाद भी मासूम को बचाने में कामयाब नहीं हो सके।
तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी थी गुंजन
गुंजन के पिता पारसमल ने बताया- मैं आरसीसी की छत डालने का काम करता हूं। घटना के वक्त मैं काम पर गया हुआ था। मेरे तीन बच्चों में गुंजन सबसे छोटी थी। छोटा बेटा केशव 9 साल का और बड़ा बेटा विजेंद्र 12 साल का है।