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खीमाराम मेवाडा
मातृभाषा संस्कृति की वाहक होती है- सहविभाग कार्यवाह
तखतगढ 13 दिसंबर;(खीमाराम मेवाडा) आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक, सुमेरपुर में मातृ भाषा गौरव शिक्षक संगोष्ठी (सरकारी व निजी) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती, ओम व भारत माता के समक्ष सहविभाग कार्यवाह अशोकपाल सिंह, श्याम सुन्दर लोहार (कार्यक्रम अध्यक्ष), गिरिजानन्द तोषनीवाल (अध्यक्ष आदर्श शिक्षा संस्थान, बाली), सुरेश कुमार मालवीय (सचिव आदर्श शिक्षा संस्थान, बाली) एवं प्रधानाचार्य श्रवण त्रिवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मातृ भाषा गौरव जागरण की भूमिका सचिव मालवीय द्वारा सबके सामने रखी गई। काव्य गीत के बाद मुख्य वक्ता सहकार्यवाह ने बताया कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति अगर जीवित है तो उसका मुख्य कारण हमारी मातृ भाषा है। हमारी सभ्यता व संस्कृति को कई आक्रांताओ ने तोडने का कार्य किया लेकिन भारतीय संस्कृति को तोड नहीं पाए। हमारे साहित्य और शास्त्रो को जलाया गया । समाज में एक विमर्श गढकर स्वभाषा, स्वभोजन, स्वपरिवेश, को तोडने का कार्य किया गया लेकिन भारतीय भाषाओं के कारण पूरे विश्व में हमारी संस्कृति आज भी जीवित है। विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय कार्य कर रही है। बालक का सर्वांगिण विकास मातृ भाषा से ही संभव है। बालक का 80 प्रतिशत विकास बाल्यावस्था में होता है। स्वभाषा के प्रति गौरव का भाव होना चाहिए।
क्योंकि भाषा से विचारों का निर्माण होता है और विचार निर्माण से ही साहित्य का निर्माण होता है। मातृ भाषा पीढी दर पीढी में संस्कृति की वाहक होती है। मातृ भाषा ही राष्ट्र उपयोगी व समाजोपयोगी होती है। कार्यक्रम के अन्त में मातृभाषा गौरव पुस्तक का विमोचन किया गया। पूर्व छात्रा प्रियंवदा द्वारा मातृ भाषा पर गीत प्रस्तुत किया गया। जिला अध्यक्ष गिरिजानन्द तोषनीवाल द्वारा सभी का आभार प्रकट किया । कार्यक्रम में प्राथमिक प्रधानाचार्य कुलदीप दत्ता, सहायक प्रधानाचार्य वीनू सोलंकी एवं सभी भैयाजी व दीदीजी उपस्थित रहे।