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पाली-पाली में करीब 10 माह पहले एक विमंदित नाबालिग से रेप करने के मामले में पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या दो के जज जगदीश जाणी ने शनिवार 30 नवंबर 2024 को फैसला सुनाया। जिसमें उन्होंने अभियुक्त हीराराम (48) को नाबालिग से रेप का दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 विशिष्ट लोक अभियोजक मनीष ओझा ने बताया कि पाली जिले के सोजत रोड थाने ने 23 जनवरी 2024 को पीड़िता की मां ने मामला दर्ज करवाया। जिसमें बताया कि उनकी विमंदित नाबालिग बेटी
20 जनवरी 2024 को बाड़े में अपने दो भाइयों के साथ खेल रही थी। इस दौरान आरोपी बेरा मैरावा (मांडा) निवासी हीराराम (48) पुत्र टीकमराम आया और उसे घर पर चाय बनाने के बहाने ले गया। इस दौरान उसके दो नाबालिग बेटे भी साथ गए। जिन्हें आरोपी ने किसी बहाने से अपने घर से निकाल दिया और दरवाजा बंद कर उसकी विमंदित नाबालिग बेटी से रेप किया। ये घटना खिड़की से उसके नाबालिग बेटों ने देखी। इस पर उसने बेटी से बात की तो उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। इस पर 23 जनवरी 2024 को सोजत रोड थाने में आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। मामला दर्ज होने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। जिसे बाद में कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया। मामले में आज शनिवार 30 नवंबर 2024 को पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 के जज जगदीश जाणी ने फैसला सुनाया। जिसमें आरोपी हीराराम (48) पुत्र टीकमराम को नाबालिग से रेप करने का दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई