PALI SIROHI ONLINE
जालोर-पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के पानी के बंटवारे को लेकर जालोर में किसान सड़कों पर हैं। बुधवार को किसानों ने सड़कों को जाम कर प्रदर्शन किया। हालांकि रात को किसान घर चले गए। लेकिन गुरुवार को दोपहर तक फिर धरनास्थल पर पहुंच कर आज फिर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
गौरतलब है कि जालोर में जवाई बांध के पानी पर जालोर का एक तिहाई हिस्सा तय करने, किसानों को समय पर बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के आह्वान पर 19 नवंबर से महापड़ाव शुरू किया गया था। लगातार 10 दिन से किसानों के द्वारा किया जा रहे प्रदर्शन के बाद भी सरकार के द्वारा कोई सकारात्मक पहल और कोई बातचीत नहीं करने से नाराज किसानों ने जोरदार आन्दोलन किया। इसके समर्थन में बुधवार को 300 गांवों के हजारों किसान जालोर पहुंचे थे।
भारतीय किसान संघ के रतन सिंह कानीवाड़ा ने बताया – जालोर में गुरुवार को भी किसानों का महापड़ाव जारी है। रात को करीब सभी किसान घर चले गये थे। लेकिन 12 बजे तक पुनः महापड़ाव पर पहुंचेगे और विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। हालांकि शहर के धरनास्थल के पास जैस अस्पताल चौराह व आहोर चौराहा से कलेक्ट्रेट जाने वाले रास्ते बंद रहेंगे।
यह है विवाद, ऐसे पकड़ा तूल
जालोर की जीवन रेखा कही जाने वाली जवाई नदी पर पाली जिले में जवाई बांध के निर्माण के बाद नेचुरल बहाव रुक गया और धीरे-धीरे जालोर के कुंओं का जलस्तर गिरने के साथ जालोर जिले के हालात डार्क जोन से भी बदतर हो गये। जिसके बाद किसानों के द्वारा 31 साल से जवाई बांध के पानी पर जालोर का हक तय करने की मांग को लेकर हर साल धरना प्रदर्शन किए जा रहे है।
इस बार प्रदेश में विधानसभा चुनावों के समय गृह मंत्री अमित शाह प्रसार-प्रचार के दौरान जालोर पहुंचे और जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग व आहोर विधायक छगनसिंह के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- जालोर की जवाई नदी जो सूखती जा रही है। आप जालोर से जोगेश्वर गर्ग को जिता दो, मोदीजी ने गुजरात में कई नदियों को जिंदा किया है। जालोर की जवाई नदी को पुनर्जीवित कर देंगे।
चुनाव के बाद गर्ग की जीत हुई एक साल बीत गया लेकिन जवाई को लेकर कोई स ठोस कदम नहीं उठाए गये। वहीं, इस बार उदयपुर के अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अच्छी बारिश के चलते जवाई बांध में पानी अच्छी आवक हुई जिससे अभी भी जवाई बांध व उसका सहायक सेई बांध लबालब भरा हुआ है। लेकिन किसानों की मांग के बावजूद पानी को नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है।
जवाई बांध का पानी को जोधपुर ले जाने के लिए 2200
करोड़ की घोषणा
किसानों का कहना है कि जालोर पिछले करीब 31 सालों से जवाई बांध के पानी पर जालोर का हक तय करने की मांग की जा रही है। इसके बावजूद 2200 करोड़ के बजट से नहरों का पुर्ननिर्माण किया जा रहा है जिससे जवाई बांध के पानी को जोधपुर ले जा सके। किसानों संगठनों का कहना कि वहां पानी की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यहां पहले से पानी पर्याप्त है, जिसका विधायक गर्ग ने तो विरोध नहीं किया। जनप्रतिनिधि सरकार के सामने जालोर की पैरवी नहीं कर रहे है जिससे नाराज किसानों जालोर में सड़कों पर उतरना पड़ा।
बुधवार को किया हाईवे जाम
बुधवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने किसानों को टैक्ट्रर शहर से बाहर छोड़ने के लिए कहा और ट्रैक्टरों को बीच में रोक दिया। नाराज किसानों ने जालोर के अस्पताल चौराहा, हरिदेव जोशी व पंचायत समिति पर टायर जलाये और टैक्ट्ररो को रास्ते के बीच में लगाते हुए जालोर बाडमेर जाने वाले हाईवे व आहोर चौराहा व अन्य गलियों को टैक्ट्ररों से बंद कर जालोर से जोधपुर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया। जिससे काफी देर रोडवेज सहित अन्य वाहनों का जाम लग गया। जिसके बाद दोपहर में पुलिस ने जालोर के एफसीआई गोदाम से होते हुए वाहनों को निकाल कर यातायात व्यवस्था को
सुचारु कराया।
प्रदर्शन के दौरान कुछ किसान महापड़ाव से जालोर पोलजी नगर स्थित जालोर विधायक व विधानसभा मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग के घर पहुंच गए। वहां पर गर्ग के द्वारा पानी की मांग को लेकर कमजोर पैरवी करने का आरोप लगाते हुए। नारेबाजी करने लगे। मौके पर पहुंच डीएसपी गौतम जैन व कोतवाल जसवंत सिंह सहित अन्य पुलिस ने किसानों को समझाइश कर पहापड़ाव में लेकर आए। जिसके बाद कुछ किसान कलेक्ट्रेट में प्रवेश को लेकर बार-बार प्रदर्शन करते रहे।