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पाली-पाली में एक 26 साल की युवती अपने भाई के साथ बस में चढ़ते समय दो बैग बस डिपो पर ही भूल गई। बैग में केश, चांदी के गहने और करीब 30 हजार रुपए के दवाइयां थी। लापरवाही हालत में मिले बैग को व्यापारी ने युवती को वापस लौटाकर ईमानदारी का परिचय दिया।
हुआ यूं कि बिलाड़ा निवासी 25 साल की ज्योति पत्नी दीपाराम प्रजापत 21 नवंबर को पाली बस डिपो से बिलाड़ा जाने के लिए बस का इन्तजार कर रही थी। उसके साथ उसका भाई था। जिसे उसने दोनों बड़े बैग बस की डिग्गी में रखने के लिए कहां लेकिन वह भूल गया। इतने में बस आ गई और दोनों भाई-बहन उसमें चढ़ गए। बिलाड़ा उतरने पर दोनों बड़े बैग उन्हें नहीं मिले तो माजरा समझ में आ गया कि वे पाली बस डिपो पर ही बैग भूल गए है। ऐसे में उन्होंने बिलाड़ा थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। इधर 21 नवंबर की रात करीब साढ़े 9 बजे पाली के नहर पुलिया स्थित बस डिपो पर दो बैग लावारिश हालत में पड़े देख बस डिपो के सामने रहने वाले भंवर चौधरी ने अपनी किराणे की दुकान पर रखवाए और इन्तजार किया कि कोई उसे लेने आ रहा है या नहीं। दो दिन तक किसी तरह का कॉल नहीं आया तो उन्होंने बैग खंगाला। उसमें एक ज्वेलरी बिल मिला। जिस पर लिखे दुकानदार के नंबर पर कॉल कर उन्हें बताया कि उन्हें दो बैग मिले है। जो उन्होंने सुरक्षित रखवा लिए है और बैग मालिक तक यह बात पहुंचाने को बोला। यह बात जब बैग मालिक ज्योति प्रजापत तक पहुंची तो वह बुधवार को अपने भाई के साथ बिलाड़ा से पाली पहुंची और भंवर चौधरी से दोनों बैग लेकर उन्हें धन्यवाद दिया।
बैग थे रुपए, गहने और दवाईयां
युवती ज्योति ने बताया कि वह पाली अपनी और मां के लिए दवाईया लेने आई थी। बैग में कपड़े, करीब 30 हजार की दवाईयां, 3 हजार केश, चांदी के कुछ गहने, फोन थे। बैग मिलने पर ज्योति काफी खुश नजर आई और बोली कि उन्होंने तो सोचा अब शायद ही बैग वापस मिलेगा।