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पाली-पाली में केमिकल व्यवसायी की कॉमर्स ग्रेजुएट बेटी ने शनिवार को सांसारिक जीवन छोड़कर संयम पथ अपना लिया। सोजतिया बास में रहने वाली निकिता कटारिया ने छत्तीसगढ़ में जैन साधु-संतों के साथ हजारों श्रावक-श्राविकाओं की मौजूदगी में संयम पथ पर अग्रसर हुई। उन्हें नया नाम साध्वी अरिष्ठ लब्धि दिया गया। इस दौरान जिन शासन के जयकारों से पांडाल गूंज उठा।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में एमजी रोड पर स्थित जिनकुशलपुरी जैन दादाबाड़ी में 5 दिवसीय दीक्षा समारोह आयोजित हुआ। महोत्सव के पहले दिन 19 नवंबर को पाठ बिठाई, हल्दी, परमात्मा की भक्ति का कार्यक्रम हुआ। 20 नवंबर को डोरा बंधन, केशर छाटना, ओढ़ा राजाना और शाम को परमात्मा भक्ति कार्यक्रम हुआ। 21 नवंबर को आदिनाथ पंज कल्याणक पूजा, दादा गुरुदेव पूजन, 22 नवंबर की सुबह वर्षीदान वरघोड़ा निकाला गया, उसके बाद अंतिम वायना, महिला सांझी और विदाई समारोह हुआ। फिर आज 23 नवंबर 2024 को जैन संत विनय कुशल मुनि की निश्रा में हजारों श्रावक-श्राविकाओं की मौजूदगी में पाली के सोजतिया बास में रहने वाली निकिता कटारिया ने वैराग्य जीवन अपनाया। इस दौरान जिन शासन के जैकारों से पूरा पांडाल गूंज उठा।
निकिता की जिद के आगे परिजनों ने मानी हार 29 साल की निकिता ने पाली से बी. कॉम की पढ़ाई की है। तीन बहनों में वह सबसे छोटी है। दो बड़ी बहनें कल्पना और मोनिका की शादी हो चुकी है। पिता अभय कटारिया केमिकल व्यवसायी है और माता सुनिता देवी गृहणी है। शुरू से ही उसे प्रवचन सुनने और धार्मिक किताबें पढ़ने का शौक रहा। परिजनों को जब उसने बताया कि वह साध्वी बनना चाहती है तो उन्होंने काफी मना किया बताया कि संयम पथ पर चलना काफी मुश्किल होता है, लेकिन वह अपने फैसले पर अड़ी रही और शादी करने से इंकार कर दिया। आखिरकार परिजनों ने उसकी इच्छाओं का सम्मान किया और आज वह संयम पथ पर अग्रसर हुई।