PALI SIROHI ONLINE
उदयपुर-यूआईटी से नगर निगम को हस्तांतरित हुए 272 भूखंडों के चर्चित घोटाले के मामले में एसओजी एक वार्ड पंच सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। फिलहाल दोनों आरोपी जेल में है। बताया जा रहा है कि दोनों ही आरोपियों की नगर निगम में खासी पैठ थी। इन्होंने बड़े शातिर तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार किए और डमी कैंडिडेट बनाकर भूखंडों का सौदा कराया।
मामले में सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि नगर निगम के अफसर और कर्मचारियों की बिना मिलीभगत घोटाला नहीं हो सकता। एसओजी की रडार पर कई बड़े नाम है जिन तक एसओजी जल्द पहुंचेगी। एसओजी एडिशनल एसपी स्वाती शर्मा का कहना है कि मामले में और भी कई बड़े चौकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं। नगर निगम से आखिर कैसे इतने भूखंडों की लीज डीड जारी हो गई। इसे लेकर गहराई से जांच की जा रही है।
एक ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए, दूसरा गुजरात से डमी कैंडिडेट लाया
दोनों ही आरोपियों की नगर निगम में अच्छी खासी दखल बताई जा रही है। आरोपी दीपक सिंह चौहान पुत्र हरिसिंह चौहान निवासी यूआईटी कॉलोनी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। एसओजी ने निगम से जारी लीज डीडी में आरोपी दीपक के हाथों की लिखावट के सैम्पल लिए है जिन्हें एफएसएल जांच को भेजा है।
वहीं, दूसरा आरोपी राकेश सोलंकी निवासी पंचमहल गुजरात का रहने वाला है और वहां वार्ड पंच रह चुका है। वर्तमान में आरोपी कई सालों से उदयपुर की अंबामाता स्कीम में निवास कर रहा था। पूर्व पार्षद होने का फायदा उठाकर ये आरोपी गुजरात से डमी कैंडिडेट लाता था। उनके आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों में हेरफेर करता था। इनके फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर भूखंडों का सौदा करता।
ये था मामला
यूआईटी ने 12 पहले नगर निगम को कुछ कॉलोनियां हस्तांतरित की थीं। इन कॉलोनियों में कई भूखंड खाली थे। नीलामी के चलते अधिकाशं भूखंड कॉर्नर के थे। निगम ने इन भूखंडों पर स्वयं की सम्पत्ति के बोर्ड भी लगाए। लेकिन सारसंभाल नहीं करने से कब्जे हो गए। कई भूखंडों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर नामांतरण भी खुलवा लिए गए। कुछ भूखंडों को दलालों ने बेच भी दिया। जांच के बाद कुछ भूखंडों के पट्टे निरस्त किए। अप्रैल 2022 में यह मामला एसओजी में पहुंचा था। जिसमें इसी माह 7 नवंबर को आरोपी दीपक सिंह और 13 नवंबर को आरोपी राकेश सोलंकी को गिरफ्तार किया गया।
कटारिया और वर्तमान विधायक विधानसभा में उठा चुके हैं ये मुद्दा
272 भूखंडों का चर्चित घोटाले का मामला विधानसभा में पूर्व शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया (वर्तमान में असम राज्यपाल) और वर्तमान शहर विधायक ताराचंद जैन उठा चुके है। ताराचंद जैन ने 4 माह पूर्व इस मामले को विधानसभा में उठाते हुए कहा था कि ये 500 करोड़ का घोटाला है लेकिन एसओजी चुप बैठी है। विभागीय स्तरीय पर केवल 3 कार्मिकों को 16 सीसी नोटिस देकर इतिश्री कर ली गई, जबकि तत्तकालीन आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ मामले में पूरी तरह जिम्मेदार थे। इसके करीब ढाई साल पूर्व कटारिया इस मामले को विधानसभा में उठा चुके हैं।