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बाड़मेर-शिव इलाके के एक गांव में करीब 4 साल पूर्व एक नाबालिग बेटी के साथ कुछ दरिंदों ने खेत में बुलाकर उसके साथ पहले गैंगरेप किया और उसके बाद छुरे से गला काट कर हत्या कर दी थी। इस मामले में करीब 4 साल तक पॉक्सो कोर्ट बालोतरा में ट्रायल चला। इसके बाद अब लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 बालोतरा के विशिष्ट न्यायाधीश हुकमसिंह राजपुरोहित ने आरोपी को आजीवन जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा प्रकरण के समस्त तथ्यों, परिस्थितियों व क्षतिपूर्ति के घटकों को ध्यान में रखते हुए मृतका की मां को 5 लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति सहायता देने के आदेश दिए हैं।
शिव थाना क्षेत्र में 18 जनवरी 2021 को एक नाबालिग के साथ गैंगरेप के बाद हत्या का मामला दर्ज हुआ था। इस जघन्य वारदात के बाद जिलेभर में लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन किया था। करीब 36 घंटे तक चले विरोध-प्रदर्शन के बाद मामले में समझाइश के बाद परिजनों ने शव उठाया था।
आरोपी अशोक कुमार पुत्र शंकराराम निवासी बूल धोरीमन्ना व अन्य ने नाबालिग बालिका को घर से दूर खेत में ले जाकर मुंह में कपड़ा ठूंसा और उसके बाद रेप किया। उसके साथ एक नाबालिग भी था। रेप के बाद आरोपियों ने छुरे से बालिका का गला रेत कर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने महज 12 घंटे में आरोपी अशोक कुमार को दस्तयाब कर लिया था।
पुलिस ने तत्कालीन भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 5(एच) 6 पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 के विशि ष्ट न्यायाधीय हुकमसिंह राजपुरोहित ने दोनों पक्षों के तों पर विचार किया और पत्रावली का अवलोकन किया। आरोपी अशोक कुमार के खिलाफ धारा 302 में मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान है।
कोर्ट ने माना कि आरोपी अशोक कुमार के पक्ष में गंभीरता को कम करने वाली परिस्थितियां यानि क्रिमिनल टेस्ट की थ्योरी लागू होती है। इसी वजह से मृत्यु दंड से दंडित नहीं करके धारा 302, पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। कोर्ट ने माना कि नाबालिग मृतका के परिजनों को मानसिक क्षति हुई है। मृतका की माता को बतौर क्षतिपूर्ति पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत 5 लाख रुपए की सहायता दी जाए।
पास के खेत में पांती पर खेती करते थे आरोपी
घटना 17-18 जनवरी 2021 की है। नाबालिग मृतका के पिता इस दुनिया में नहीं थे। मृतका अपनी मां के साथ रहती थी। आरोपी व उसका परिवार पांती पर खेत लेकर खेती करते थे। आरोपी ने मौके का फायदा उठाकर नाबालिग से संपर्क बनाया और फिर उसे खेत में ले गया। जहां बालिका के चिल्लाने पर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। इसके बाद दरिंदगी करते रहे। साथ में घर से छुरा लेकर आया था।
दरिंदगी के बाद नाबालिग बालिका का गला काट कर हत्या कर दी। घटना के बाद मां की ओढ़नी में ही शव को लपेट कर अस्पताल लाया गया था। जिस मां की गोद में बालिका खेलती थी, उसकी ही चुनड़ी कफन बनी। अब कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।