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जयपुर-आगामी उपचुनाव को लेकर राजस्थान बीजपी ने 7 सीटों में से 6 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट में दौसा, रामगढ़, सलूंबर, झुंझुनूं, खींवसर और देवली-उनियारा से प्रत्याशी घोषित किए हैं। वहीं वागड़ की चौरासी सीट पर अभी उम्मीदवार नहीं उतारा गया है।
बता दें, बीजेपी ने पहली लिस्ट में सबसे चर्चित सीट दौसा से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट मिली है। रामगढ़ से पिछली बार भाजपा के बागी रहे सुखवंत सिंह, सलूंबर से शांता देवी मीणा, झुंझुनूं से पिछली बार निर्दलीय लड़े राजेन्द्र भांबू, खींवसर से 2023 के चुनावों में बीजेपी के टिकट पर हारे रेवंतराम डांगा और देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर को उम्मीदरवार बनाया है।
दरअसल, पहली लिस्ट जारी होने के बाद सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा चौरासी सीट पर सांसद राजकुमार रोत की बाप पार्टी को बाहर से समर्थन दे सकती है। वहीं, सलूंबर सीट से बीजेपी ने विवादित चेहरे पर दांव खेला है।
सलूंबर से शांता देवी को मिला टिकट
मालूम हो कि सलूंबर से भाजपा प्रत्याशी शांता देवी मीणा दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी है, जो अभी सेमारी में नगर पालिका अध्यक्ष हैं। अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी सेमारी में सरपंच भी रह चुकी हैं। आपको याद हो तो वर्ष 2015 में पंचायती राज के चुनावों के बाद शांता देवी फर्जी मार्कशीट मामले में भी काफी चर्चा में रही थीं। क्योंकि साल 2015 में विधायक अमृतलाल मीणा ने अपनी पत्नी को सेमारी सरपंच पद का चुनाव लड़ाया था। इसमें शांता देवी को जीत मिली थी।
उदयपुर की सराड़ा कोर्ट ने करीब 3 साल पहले फर्जी मार्कशीट पर पत्नी को पंचायत चुनाव लड़ाने के आरोप में सलूंबर विधायक दिंगवत अृमतलाल मीणा को जेल भेजा था। क्योंकि शांता देवी की प्रतिद्वंदी उम्मीदवार सुगना देवी ने शांता देवी की कक्षा 5वीं की फर्जी मार्कशीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई। सीबीसीआईडी ने मामले की जांच शुरू की। इसमें विधायक की पत्नी की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी।
इन 2 सीटों पर उतारे बागी
विदित हो कि 2023 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने राजेन्द्र भांबू को टिकट नहीं दिया था। इसके बाद भांबू ने झुंझुनूं सीट से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उनको 42 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। राजेन्द्र भांबू 2018 के चुनावों में भी ताल ठोक चुके हैं। इस बार बीजेपी ने उन पर पार्टी का टिकट देकर दांव खेला है।
वहीं, रामगढ़ से भी बीजेपी ने पिछली बार के बागी उम्मीदवार सुखवंत सिंह पर दांव खेला है। 2023 के विधानसभा चुनावों में सुखवंत सिंह ने भाजपा से बगावत कर चंद्रशेखर रावण की पार्टी आजाद समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा था और दूसरे नंबर पर रहे थे। उनको करीब 50 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।
हारे हुए पर फिर से खेला दांव
इस बार खींवसर सीट से भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे रेवंतराम डांगा पर फिर से भरोसा जताया है। पिछले चुनावों में डांगा को आरएलपी के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने करीब 2 हजार वोटों के मामूली अंतर से हराया था। रेवंतराम डांगा विधानसभा चुनाव से पहले RLP छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भारतीय जनता पार्टी ने हारने के बाद भी उनकी मेहनत को देखते हुए फिर से टिकट दिया है।
इन सीटों पर होगा उपचुनाव
गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।