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खीमाराम मेवाडा
पाली। जवाई बांध का गेज 64 वे दिन 57.85 फीट पार लेकिन और घट रहा सेई बांध का गेज 7.05 मीटर , पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े 61.25 फिट भराव क्षमता वाले जवाई बांध में मंत्थर गति से कछुआ चाल भराव क्षमा की ओर बढ़ रहा है। जवाई का गेज 64 वे दिन शनिवार सुबह 8:00 बजे जवाई बांध का गेज 57.85 फिट पार कर चुका है। जल संसाधन विभाग नहर कांड सुमेरपुर के सहायक अभियंता अक्षय कुमार एवं कनिष्ठ अभियंता अशोक पूनिया ने बताया कि जवाई बांध का गेज शनिवार सुबह 8:00 बजे तक जवाई बांध का गेज 57.85 फीट के साथ 6444.20 एमसीएफटी पानी पार हो चुका है।
सहायक सेई बांध का गेज भी दिनोदिन कम होने से आवक जारी है। जिसका गेज शनिवार सुबह 8:00 बजे तक 7.05 मीटर के साथ 934.48 एमसीएफटी पानी है। फिर भी मंथर गति से पानी की आवक जारी है। जिसे जवाई का गेज मे निरंतर बढ़ोतरी से भराव क्षमता की और बढ रहा है।
इसी प्रकार सेई बांध के सहायक कालीबोर बांध में 19.20 मीटर के साथ 214.214 एमसीएफटी पानी स्थिर बना हुआ है। ओर केर बांध का गेज कुछ बढ़ोतरी होने से 11.50 फिट के साथ 99.955 एमसीएफटी पानी उपलब्ध के साथ स्थिर बना हुआ है।
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जालौर के किसानों ने धरना देकर जवाई नदी में पानी छोड़ने की रखी मांग
जालोर-जवाई बांध से जवाई नदी में पानी छोड़ने की मांग को लेकर शुक्रवार को भारतीय किसान संघ की ओर से किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना-प्रदर्शन किया। किसानों का प्रतिनिधि मंडल 15 सूत्री मांगें लेकर एडीएम उदयभानु चारण से मिला और वार्ता की।
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष रतनसिंह कानीवाड़ा व खीमसिंह ने बताया- जवाई बांध पुनर्भरण योजना को अमल में लाया जाए। जवाई नदी में भी पर्याप्त पानी छोड़ने की मांग की है। इसके अलावा नदी के पानी का एक तिहाई हिस्सा प्राकृतिक प्रवाह के लिए निर्धारित करने, राजस्थान सरकार की जल नीति 2010 को लागू करने, 1966 में बनी माही परियोजना को धरातल पर लाकर गुजरात से राजस्थान के हिस्से का पानी दिलाने की मांग की है।
साथ ही नर्मदा नहर परियोजना का विस्तार कर राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी देने, नहर बनाकर लूणी नदी को जवाई नदी से जोड़ने, माही नदी का ओवरफ्लो पानी जालोर को दिलाने, नर्मदा नहर का पानी समुद्र में जाने से रोककर जालोर जिले के तालाब नदी में पहुंचाने की व्यवस्था करने, इंदिरा नजर की लंबाई बढ़ाकर जालोर तक पहुंचाने और लूणी, जवाई, सुकडी (जालोर), यमुना तथा साबरमती नदी को आपस में जोड़ने की मांग की है।
उन्होंने कहा- इसके अलावा सरकार से अरंडी के बीमा क्लेम के निर्धारित नार्म्स से संशोधन करने, गुजरात की तरह डेयरी लगाकर मिलावटखोरी से निजात दिलाने, पशुपालकों को अवसर देने, किसान कमेटी के सामने क्रॉप कटिंग कराने की मांग की है।
बीमा का हित किसान से जुड़ा हुआ है, इसलिए बीमा कंपनी के अनुसार निर्णय नहीं किया जाना चाहिए जिस खेत का चयन हुआ है उसका खसरा नम्बर एवं कब क्रॉप कटिंग की जाएगी। उसकी सूचना आम चोहटे ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कराई जानी चाहिए।
जवाई बांध की जल वितरण कमेटी में नदी किनारे प्रभावित किसानों को भी कमेटी में शामिल करना चाहिए। जवाई बांध के पानी के आवक के अनुसार एक तिहाई पानी नदी के लिए रिजर्व करना चाहिए।
गिटको होटल से रामदेवजी राजस्व रिकार्ड ने 14 मन्दिर तक सड़क निर्माण कराने और आहोर के छिपरवाड़ा के पास नदी के बहाव क्षेत्र में एक निजी कॉलेज भवन के निर्माण को रोकने की भी मांग की गई है।नदी के बहाव क्षेत्र में भवन निर्माण को एनआसी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग भी रखी गई।
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