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जोधपुर-जोधपुर में युवकों को किडनैप करने की धमकी देकर 9.50 लाख रुपए लूटने के आरोपी चारों कॉन्स्टेबल को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। कमिश्नर के निर्देश पर डीसीपी (पूर्व) आलोक श्रीवास्तव ने यह कार्रवाई की। पांचवें आरोपी कॉन्स्टेबल समेत अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार- बर्खास्त कॉन्स्टेबल में पालड़ी सिद्धा निवासी राकेश पूनिया, नागौर के कुरछी निवासी नरसिंहराम जाट, थोब निवासी जगमाल राम जाट और जालोर के भाड़वी में वाड़ा गांव निवासी लादूराम मेघवाल शामिल है।
चारों को महामंदिर थाने में दर्ज केस में गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया गया था। वहीं, सरदारपुरा थाने के कॉन्स्टेबल ऋषभ जाट की लिप्तता सामने आने पर उसकी तलाश की जा रही है।
चारों आरोपियों को महामंदिर पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया और 5 दिन का रिमांड मांगा। हालांकि, कोर्ट ने चारों आरोपियों को जेल भेज दिया।
14 जुलाई का है मामला
14 जुलाई की शाम करीब चार बजे बनाड़ रोड नांदड़ी के रामदेव नगर निवासी दिलीप गौड़ और उनके मित्र रातानाडा सुभाष चौक निवासी रमेश शर्मा अपनी कार से पावटा स्थित मॉल में खरीदारी करने पहुंचे थे।
पार्किंग के दौरान अचानक सफेद ब्रेजा में सवार पुलिसकर्मी (बेज पर नाम- ‘जगमाल’) और अन्य सादावर्दी धारी 3-4 पुलिसकर्मी जबरन उनकी कार में बैठे। पूछताछ के बहाने दिलीप को ड्राइवर सीट से हटाकर जगमाल स्वयं बैठ गया और बाकी पुलिसकर्मी पीछे बैठ गए। गाड़ी के बैग में रखे दिलीप और रमेश के 50-50 हजार रुपए जगमाल ने निकाल लिए।
सभी पुलिसकर्मियों ने दोनों पीड़ित से आपका अपहरण हो गया कहकर डराया-धमकाया और पैसे मांगे। फिर दोनों को उनकी कार सहित माता का थान थाने ले गए। जहां राकेश नामक पुलिसकर्मी ने भी धमकी, ब्लैकमेल और वसूली का सिलसिला जारी रखा। दिलीप की पत्नी का एटीएम और पासवर्ड लेकर एक लाख रुपए रमेश शर्मा से एटीएम से निकलवाए और ले लिए गए।
16 जुलाई को एफआईआर दर्ज हुई थी
दिलीप का मोबाइल छीनकर पासवर्ड लेकर क्रिप्टोकरेंसी (8669.60, 13.58 यूनिट, कुल साढ़े सात लाख रुपए) किसी परिचित के अकाउंट में ट्रांसफर करवा ली। घटना के बाद फर्जी हस्ताक्षर भी करवाए गए और धमकी दी गई कि किसी को बताया तो झूठे केस में फंसा देंगे। इसी घटनाक्रम के संबंध में 16 जुलाई को महामंदिर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
लूट के मामले में अब डकैती की धाराएं जुड़ी पुलिस ने केस में डकैती की धाराएं भी जोड़ी है। पुलिस के अनुसार- माता का थान थाने के बाहर पुलिस कमांड कंट्रोल सेंटर के कैमरों में स्पष्ट रिकॉर्डिंग मिल चुकी है, जिसमें एक पुलिस की वर्दी में और चार अन्य आरोपी दोनों पीड़ित युवकों को थाने में ले जाते हुए नजर आए हैं। हालांकि, आरोपियों ने बचने के लिए पूरी कोशिश की और थाने के कैमरे पहले ही बंद करवा दिए थे। पुलिस के आला अधिकारियों की मॉनिटरिंग में एसीपी (प्रशिक्षु आईपीएस) हेमंत कलाल ने इनके खिलाफ सबूत ढूंढ निकाले, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।


