
PALI SIROHI ONLINE
नगराज वैष्णव
पाली-पाली के पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित 93 वर्षीय साहित्यकार अर्जुन सिंह शेखावत का शुक्रवार को निधन हो गया। यह समाचार सुन साहित्यकारों से लेकर पूरे पाली शहर में शोक की लहर छा गई। शनिवार सुबह 10 बजे शहर के पुराना हाउसिंग बोर्ड से अंतिम यात्रा निकाली जाएगी।
पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित एवं हाइफा हीरो मेजर दलपत सिंह शेखावत देवली के वंशज अर्जुन सिंह जी शेखावत का शुक्रवार को निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। अपनी लेखनी के जरिए उन्होंने पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त कर पाली जिले का नाम देश में रोशन करने का काम किया था।
वे एक अच्छे साहित्यकार थे। उनकी भाखर रा भोमिया पुस्तक अंग्रेज़ी में “द ट्राइबल कल्चर ऑफ गरासिया” शीर्षक से भी प्रकाशित हो चुकी है। इस लेखन में उनको यूनेस्को से भी पुरस्कार मिल चुका है।
उन्हें राजस्थानी साहित्य व शिक्षा क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए चुना गया है। आजादी के बाद देश में शुरू किए गए इस पुरस्कार को पाने वाले शेखावत पाली जिले के पहले पद्मश्री होंगे। 87 साल के शेखावत को पद्मश्री से नवाजने की सूचना राष्ट्रपति हाउस से उनके लैंडलाइन फोन से दी गई थी।
पद्मश्री अर्जुन सिंह शेखावत के देवलोकगमन पर रावणा राजपूत समाज के अध्यक्ष उगम सिंह चौहान, युवा प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह खोड, श्रीराष्ट्रीय चामुंडा सेना के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी, खीम सिंह भाटी, बहादुर सिंह राठौड़ सहित अन्य ने शोक व्यक्त करने हुए उनके निधन को पाली के लिए क्षति बताया।