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सिरोही-सिरोही रेवदर ब्लॉक में कनिष्ठ तकनीकी सहायक पद पर लगा महेंद्रकुमार फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पर लग गया। दस्तावेज फर्जी हैं ये प्रमाणित होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने राज्यमंत्री ओटाराम देवासी के पुत्र विक्रम देवासी का नाम लेते हुए विक्रम टैक्स का आरोप लगाया है। मामले में पूर्व विधायक लोढ़ा ने राज्य के ग्रामीण राज विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा से जयपुर में मिलकर अवगत करवाया।
मामले में मंत्री पुत्र विक्रम ने कहा कि जिस कर्मचारी की बात पूर्व विधायक लोढ़ा कर रहे हैं, वह उन्हीं के समय भर्ती में लगा। हमने तो जांच करवाई है। विभाग उस पर कार्रवाई करेगा। इधर, राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि फर्जी डिग्रियों से नौकरी लगवाने का काम मेरा नहीं संयम लोढ़ाजी का हो सकता है। लोढ़ा ने मंत्री मीणा को बताया कि जिला परिषद सिरोही इतने दबाव में हैं कि न आरोपी को निकाला है और न मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। रेवदर के तत्कालीन विकास अधिकारी तो आरोपी के लिए यह लिख गए कि इनकी त्रुटि के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर प्रकरण संचित करना उचित होगा। जो दस्तावेज कार्मिक ने प्रस्तुत किए, वे प्राविधिक शिक्षा मंडल ने जारी नहीं किए थे।
लोढ़ा ने 24 अप्रैल 2025 को ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा को दस्तावेज के साथ शिकायत की। कहा कि वेरीफिकेशन में फर्जी दस्तावेज की पुष्टि होने के बाद भी भ्रष्टाचार के चलते जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव से एसओजी पुलिस जयपुर में प्रकरण दर्ज करवाने का आग्रह किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला परिषद से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की।
ये नियुक्ति संयम लोढ़ा के समय की है। दोषी कर्मचारी पर विभाग कार्रवाई करें। अगर कर्मचारी गलत है और फर्जी दस्तावेज है तो उसके आधार पर उसे नौकरी कैसे दे दी। और दे दी तो इनके टाइम में ही दी है। ये अब जो 36000 का आंकड़ा है उसकी लड़ाई है। हमारी सरकार ने आकर जांच करवाई है। पत्रावली गलत होगी तो उसे हटा देंगे। पूर्व विधायक जो आरोप लगा रहे हैं वे निराधार है। ये तो जांच है, जो अधिकारी कर रहे हैं, जो कमेटी है वो जांच पेश करें। इसमें हमारा क्या लेना-देना।
- विक्रम देवासी, अध्यक्ष, डीसीए (पुत्र ओटाराम देवासी)
फर्जी डिग्रियों से नौकरी लगवाने का काम मेरा नहीं संयम लोढ़ा जी का हो सकता है। जिस प्रकरण को लेकर संयम लोढ़ा जी मुद्दा उठा रहे है उस जेटीए की नियुक्ति प्रक्रिया जनवरी 2008 से अगस्त 2008 में हुई। उस दौरान सिरोही के एमएलए संयम लोढ़ा जी थे मैं नहीं था। दस्तावेजों की जांच हुई तो उनके तकनीकी डिग्री जाली होने का मामला 2024 में सामने आया। उसको हटाए जाने की कार्रवाई विभाग कर रहा है। संयम लोढ़ा जी जांच कराते तो उनकी सरकार के समय करा लेते। जांच हम खुद करा रहे हैं। लोढ़ा जी पांच साल कुछ करा नहीं पाए। फर्जी डिग्री या दस्तावेजों के आधार पर नौकरी लगे कोई भी बच नहीं पाएंगे।
ओटाराम देवासी, राज्यमंत्री
नरेगा में नियुक्त कार्मिक महेंद्र कुमार की शैक्षणिक योग्यता के सत्यापन के संबंध में जिला परिषद सिरोही ने 29 जुलाई 2024 को राजस्थान प्राविधिक शिक्षा मंडल जोधपुर को पत्र लिखा गया था। इसका उत्तर मंडल ने 12 अगस्त 2024 को दिया। जिसमें पाया गया कि कनिष्ठ तकनीकी सहायक महेंद्र कुमार ने जिला परिषद को जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं वो प्राविधिक शिक्षा मंडल ने जारी ही नहीं किए। यह रिकॉर्ड तो किसी और छात्र का है।
तत्कालीन विकास अधिकारी रेवदर आवडदान चारण रेवदर ने प्राविधिक शिक्षा मंडल जोधपुर से सत्यापित दस्तावेज प्राप्त करने महेंद्र कुमार को व्यक्तिगत रूप से जोधपुर भेज दिया, जिसने मंडल की ओर से जारी पत्र पंचायत समिति रेवदर में प्रस्तुत ही नहीं किया। इसकी जगह उसने फर्जी सील एवं दस्तखत के साथ फर्जी दस्तावेज स्वयं सत्यापित कर नकली पत्र तैयार कर 24 मई 2024 को पंचायत समिति रेवदर में प्रस्तुत कर दिया। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने तत्कालीन विकास अधिकारी आवाडदान चारण को कार्रवाई के आदेश दिए, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। ऐसे मामलों से पात्र व्यक्ति हो रहे नौकरी से वंचित : संयम लोढ़ा
कुछ लोग फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी नौकरी हासिल कर लेते हैं। जो पात्र होते हैं वे सरकारी नौकरी से वंचित हो जाते हैं। सिरोही जिले में भी फर्जी डिग्री दस्तावेजों के आधार पर मनरेगा में नौकरी प्राप्त करने के मामले से सरकार के मंत्री का ध्यान दिलाया। मामले में एसओजी पुलिस जयपुर में एफआईआर दर्ज हो, ताकि फर्जी डिग्री से नौकरी प्राप्त करने वालों और सहयोगी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।
- संयम लोढ़ा, पूर्व विधायक सिरोही