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सिरोही-आबूरोड पंचायत समिति के उमरणी पंचायत पर्यावरण संरक्षण के साथ स्वच्छ भारत का सपना साकार कर रही है। डेढ़ साल से इस गांव ने प्रदेश में पहचान बनाई है। पंचायत सॉलिड वेस्ट मैनजेमेंट से पैसा कमा रही है।
यहां गीला और सूखा कचरा एकत्र करने की अलग व्यवस्था है। साथ ही वेबसाइट बनी हुई है। कचरे से बनने वाली ऑर्गेनिक व ठोस खाद बनाया जाता है। गीले कचरे से प्लांट में खाद तैयार की जाती है। यह खाद 50-60 दिन में कंपोज खाद तैयार होती है। खाद तैयार करने के लिए मजदूरों को लगाया है। प्रति महीने में 8 हजार रुपए देते हैं। पंचायत स्तर तैयार हो रही खाद की 15 रुपए प्रति किलो से बेची जा रही है। प्लास्टिक कचरे व वेस्ट से बेस्ट बनाया जाता है। कांच की बोतल, चाय पीने के कुल्हड़ को एकत्रित किया जाता है। इसमें कारीगरी करके बेस्ट बनाया जाता है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत उमरणी पिछले डेढ़ साल से घर-घर कचरा संग्रहण किया जाता है। इन ग्राम पंचायत में गीला-सूखा कचरा एकत्रित कर खाद बनाई जाती है। यह जिले की पहली पंचायत है। – चांदू खान, जिला परियोजना समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन, सिरोही फीडबैक फाउंडेशन के जरिए उमरणी ग्राम पंचायत के साथ एमओयू किया हुआ है। इसके तहत प्रत्येक घर से हर महीने 50 रुपए, दुकानदारों से 100 रुपए और होटल्स एवं रेस्टोरेंट से 500 रुपए वसूले जाते है। इसमें प्रति महीने 39 हजार आते है। इन सबसे कचरा एकत्रित कर फाउंडेशन प्लांट तक पहुंचाता है।
उमरणी पंचायत जिले की पहली ऐसी पंचायत है जो अन्य पंचायतों के लिए रोल मॉडल बनी है। कबाड़ से जुगाड़ किया जाता है, जो बोतलें चाहे प्लास्टिक की हो या कांच की। इन बोतलों को डिजाइन कर नया लुक दिया जाता है। वेस्ट से बेस्ट बनाया जाता है। अब जिले के अन्य पंचायतों में यह रोल मॉडल अपनाया जाएगा। अब स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत अब जिले के प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 ग्राम पंचायतों में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। चयनित पंचायतों में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट लगाई जाएगी। जहां प्लास्टिक युक्त कचरे को रिसाइकिल कर उत्पाद बनाए जाएंगे। जिसकी बिक्री कर पंचायत कमाई भी करेगी। जिले की विभिन्न पंचायतों में 32 कचरा संग्रहण केंद्र के लिए भूमि आवंटित हो चुकी है।


