सीईओ सहित तीन को 17 सीसी के नोटिसः चुनाव कार्य में लापरवाही का मामला, 3 दिन में मांगा जवाब

PALI SIROHI ONLINE

राजसमंद-राजसमंद में जिला निर्वाचन अधिकारी नीलाभ सक्सेना ने विधानसभा चुनाव-2023 के तहत जारी गतिविधियों में लापरवाही बरतने पर तीन अधिकारियों नाथद्वारा मंदिर मंडल सीईओ कैलाश चंद्र शर्मा, देवगढ़ उपखण्ड अधिकारी अजय और नगर परिषद आयुक्त आर के मेहता को 17 सीसी के नोटिस जारी किए हैं।

नोटिस जारी कर तीनों अधिकारियों को तीन दिन के अन्दर उपस्थित होकर जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा नहीं होने पर एक तरफा कार्यवाही अमल में लाई जा सकेगी। डाक मत पत्र प्रकोष्ठ प्रभारी मंदिर मंडल सीईओ को इस शिकायत पर नोटिस – नाथद्वारा मंदिर मंडल सीईओ कैलाश चंद्र शर्मा को पोस्टल बैलट संबंधी कार्य में लापरवाही पर नोटिस दिया गया है।

नोटिस संख्या 1151 के अनुसार राजकीय पॉलिटेकनिक कॉलेज में पोस्टल बैलट को लेकर पोलिंग पार्टी की शिकायत एवं अव्यवस्था की जानकारी जिला कलक्टर को मिली थी। इस पर स्वयं कलक्टर 18 नवंबर शनिवार को यहां पहुंचे और अव्यवस्था को ठीक किया। नोटिस अनुसार इस दौरान मंदिर मंडल सीईओ शर्मा को संभाग वार पोस्टल बैलट संधारित कर व्यवस्थित रूप से पोलिंग पार्टियों का मतदान कराने हेतु निर्देशित किया गया था। परंतु उन्होंने कलक्टर की उपस्थिति के दौरान ही परिसर छोड़ दिया। मंदिर मंडल सीईओ शर्मा को डाक मत पत्र प्रकोष्ठ प्रभारी बनाया गया है किंतु चुनाव संबंधी गंभीर कार्य के प्रति असजग एवं उदासीन रहने पर उन्हें नोटिस जारी किया गया है।

देवगढ़ एसडीएम को इसलिए दिया नोटिस
जिला निर्वाचन अधिकारी ने देवगढ़ उपखण्ड अधिकारी अजय को भी नोटिस दिया है। इन्हें जारी नोटिस क्रमांक 1152 के अनुसार नोटिस अनुसार चुनाव पर्यवेक्षक भीम-देवगढ़ क्षेत्र के दौरे पर थे इस दौरान एसडीओ भीलवाड़ा में मौजूद थे। 15 नवंबर से 18 नवंबर तक ईवीएम कमिशनिंग के दौरान भी एसडीओ एक भी दिन उपस्थित नहीं थे। नोटिस अनुसार इससे पहले भी 3 जुलाई एवं 23 अगस्त को बिना पूर्वानुमति के वे मुख्यालय से अनुपस्थित रहे। इस सभी बिन्दुओं को लेकर उन्हें 17 सीसी का नोटिस दिया गया है।

जल निकासी में लापरवाही एवं चुनाव में लापरवाही
नगर परिषद आयुक्त आर के मेहता को भी जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस दिया है। इन्हें जारी नोटिस क्रमांक 1150 के अनुसार नोटिस अनुसार 16 नवंबर को राजसमंद झील से नहर में पानी छोड़ा गया जिसके उपरांत जल निकासी होने से शहरी क्षेत्र जलमग्न हो गया और आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। इस पर आयुक्त तथा जल संसाधन विभाग के एक्सईएन को इस स्थिति की समीक्षा करके अतिशीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया पर नोटिस अनुसार 18 नवंबर का दिन बीत जाने पर भी कलक्टर से इन अधिकारियों ने न तो किसी प्रकार का संपर्क किया और न ही समस्या के समाधान हेतु कोई कार्यवाही की जानकारी दी।

साथ ही विधानसभा चुनाव को लेकर 18 नवंबर शनिवार को दोपहर 2 बजे बालकृष्ण स्टेडियम में पोलिंग पार्टी रवानगी की तैयारी हेतु कलक्टर समीक्षा हेतु पहुंचे थे जिसमें भी आयुक्त अनुपस्थित थे। नोटिस अनुसार जब आयुक्त को फोन लगाया गया तो उनका फोन स्विच ऑफ पाया गया। किसी भी स्टाफ को उनके मुख्यालय में रहने की जानकारी नहीं थी। इसके अलावा आयुक्त को आदेश 1077 के तहत चुनाव संबंधित सामान्य व्यवस्था प्रकोष्ठ का सहायक प्रभारी बनाया गया है फिर भी चुनाव कार्य में उदासीनता बरती गई। इन शिकायतों को लेकर आयुक्त को नोटिस दिया गया है।

तीन दिन में देना होगा जवाब, नहीं तो कार्रवाई
नोटिस अनुसार इन अधिकारियों पर राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 17 के तहत एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। इन अधिकारियों को तीन दिन में जिला कलक्टर को जवाब प्रस्तुत करना होगा। ऐसा नहीं करने पर एकतरफा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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