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जोधपुर राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी (RAS) परीक्षा- 2021 की मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी हो गया है। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने कुल 988 पदों के लिए प्रारंभिक, मुख्य एग्जाम के साथ इंटरव्यू कराए थे। जारी हुए आरएएस फाइनल एग्जाम रिजल्ट में जोधपुर की बेटी विजयश्री कंवर ने 217वीं रैंक हासिल की है।
विजयश्री कंवर ने हाउस वाइफ रहते हुए ये सफर तय किया । प्रदेश में 217 वी रैंक लाने वाले विजयश्री ने कभी सोचा भी नहीं था की वह RAS की परीक्षा देंगी और RAS बनेंगी। वर्ष 2016 में जीवन में कुछ ऐसे मोड़ आए, जिनसे उन्हें हौसला मिला और राजस्थान की सर्वोच्च परीक्षा को पास कर एक मिसाल पेश की।
पहले पढ़िए विजयश्री कंवर ने क्या कहा… मेरा गांव शेरगढ़ तहसील के टीब्बड़ी में है। जबकि ससुराल कल्याणपुर के पास ग्वालनाडा में है। पिता इंद्रसिंह नेवी से रिटायर हैं। ससुर दिवंगत हमीर सिंह आर्मी में कैप्टन थे। इसलिए परिवार माहौल शुरू से सेना वाला ही था । पिता की पोस्टिंग के चलते पढ़ाई अलग-अलग शहरों में हुई । कक्षा 10 की पढ़ाई चेन्नई, 12 की मुंबई में पूरी हुई। इसके बाद 2003 में शादी हो गई। हालांकि पढ़ने का मुझे शौक था। ऐसे में शादी के बाद पति और ससुर से पढ़ने की इच्छा जताई।
उनकी सहमति पर मैंने 2006 में प्राइवेट स्टूडेंट के तौर पर केएन कॉलेज से ग्रेजुएशन, 2008 में इंग्लिश लिटरेचर में पीजी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पढ़ाई पर ब्रेक लग गया।घर और परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन करने लगी ।
उन्होंने बताया- 2013 में एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने मुझे झकझोर दिया। मेरे पति को अचानक से पैरालिसिस अटैक आ गया। उनके दोनों पैर और कमर का हिस्सा प्रभावित हुआ। इस घटना से पूरा परिवार सदमे में आ गया। इसके बाद मैं कुछ कर गुजरने की ठानी। साल 2016 में आरएएस एग्जाम का पैटर्न चेंज हुआ।
मैं घर और परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही थी । सपने में भी नहीं सोचा था कि आरएएस बनूंगी। साल 2016 में जब RAS एग्जाम का पैटर्न चेंज हुआ था तब मुझे लगा कि मैं इसे क्लियर कर सकती हूं। इसके बाद मेरे इस सफर की शुरुआत हुई। पहले 5 6 घंटे सेल्फ स्टडी करती थी। बाद में जैसे-जैसे रुचि बढ़ती गई, कोचिंग का भी सहारा लिया।
साल 2018 में पहला एग्जाम दिया और मेरी 943वीं रैंक लगी। फाइनल में सिलेक्शन नहीं हुआ। लेकिन मैंने हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी। इसके बाद साल 2021 में एग्जाम दिया और कड़ी मेहनत के बूते 217 वीं रैंक हासिल की।
रीट एग्जाम में भी हुआ चयन
साल 2018 में रीट में एग्जाम दिया था। जिसमें विजयश्री का चयन फर्स्ट ग्रेड इंग्लिश टीचर के तौर पर हुआ। वर्तमान में उनकी समदड़ी के मजल गांव में पोस्टिंग है। यहां डेढ़ माह पहले ही उन्होंने जॉइन किया है।
सास ने संभाले बच्चे, पति ने दिया हौसला
विजयश्री ने बताया- पीहर और ससुराल में परिवार का बैकग्राउंड आर्मी से है। इसलिए कई चुनौतियां थीं, अब मंजिल मिलने की खुशी है। पुरुष की सफलता में महिला का हाथ होता है, लेकिन मेरे केस में इसका उल्टा हुआ। लकवाग्रस्त होने के बावजूद मेरे पति, ससुराल और पीहर पक्ष का सपोर्ट रहा। मेरी सफलता के पिलर मेरे पति हैं। जब पिछली बार सिलेक्शन नहीं हुआ तो काफी परेशान थी, पति समंदर सिंह खूब सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि तुम्हें जो अच्छा लगे वो करो, जरूर सफल होगी।
विजयश्री ने बताया- मेरी 18 साल की एक बेटी जनिका और 13 साल का बेटा दिव्य आदित्य है। पढ़ाई करती थी तो बच्चों को संभालना चैलेंज था। मेरी सास ने बच्चों को संभाला। ससुराल में जॉइंट फैमिली का पूरा सपोर्ट रहा। हर कदम पर सभी ने मेरा साथ दिया।
मुझे ऐसे लगता है जब कोई हाउस वाइफ या महिला किसी एग्जाम के लिए तैयारी करती है तो वह अकेली यह तैयारी अकेले नहीं करती, उसके साथ पूरा परिवार भी तैयारी करता है। मैने परिस्थितियों से समझौता किया। जो समय बच्चों को लाड प्यार के लिए देना था तब मैं पढ़ाई किया करती थी। मेरी इस सफलता में पूरे परिवार का हाथ है।
घर में खाना बनाने के दौरान भी दिमाग में आरएएस के ख्याल आते थे। इसलिए खाना बनाते समय भी मोबाइल पर यूट्यूब से पढ़ाई करती थी।
हिस्ट्री पर किया फोकस
विजयश्री ने बताया- रोजाना 5 से 6 घंटे तक पढ़ाई की। उनकी 12वीं की पढ़ाई साइंस, इंग्लिश में हुई। ऐसे में RAS की तैयारी के दौरान इन सब्जेक्ट पर कभी दिक्कत नहीं हुई। हिस्ट्री के बारे में मैंने इतना पढ़ा नहीं था। इसलिए दिक्कत आई। इस पर खास तैयारी की। क्योंकि मुझे यहां के कल्चर के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी ।
इंटरव्यू में किसानों के बिजली के दिलाइल में विरोध, इलेक्ट्रिक कार, ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित सवाल पूछे गए।
गर्ल्स को मैसेज देते हुए उन्होंने कहा- कई बार शादी के बाद गर्ल्स हिम्मत हार जाती हैं। वे सोचती हैं कि अब कुछ नहीं बचा, लेकिन ऐसा नहीं है। आप खुद की क्षमताओं को पहचानें। सबको साथ लेकर चलना मुश्किल नहीं है। अपनी स्ट्रेटजी बनाकर टाइम मैनेजमेंट करें। सफलता अवश्य मिलेगी।
दोहरी खुशी, भाई भी सफल हुआ
विजयश्री के लिए यह खुशी दोहरी है। उनके भाई अर्जुन सिंह राठौड़ ने इस परीक्षा में 1341वीं रैंक हासिल की है। वे एक्स सर्विसमैन कैटेगिरी में हैं । अर्जुन एयरफ़ोर्स से सेवानिवृत्त हैं।
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