सुमेरपुर/तखतगढ़- सिंचाई के बाद रायडा की फसल मुरझा कर नष्ट होने की सूचना,अधिकारी बोले आवश्यकता अनुसार करे सिचाई

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खीमाराम मेवाड़ा

सुमेरपुर-कमांड क्षेत्र के खेतों में सिंचाई के बाद रायडा की फसल मुरझा कर नष्ट होने सूचना पर कृषि अधिकारियों ने कमांड क्षेत्र का किया दौरा।
अधिकारी बोले सरसो फसल में आवश्यकता अनुसार ही सिचाई करें।

तखतगढ 15 नवंबर:(खीमाराम मेवाड़ा) कमांड क्षेत्र के खेतों में सिंचाई के बाद रायडा की फसल मुरझा कर नष्ट होने सूचना पर कृषि अधिकारियों ने कमांड क्षेत्र का किया दौरा सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) बाली के अधिकारियों ने बुधवार को तखतगढ़, गोगरा, राजपुरा क्षेत्र में सरसों बुआई वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया।

पाया गया कि पूर्व में भी भूमिगत अल स्तर में काफी वृद्धि हुई थी और अभी महर से सिंचाई जल मिलने से सरसों फल फलू अधिक नमी एवं जल की अधिकता से जड़ गलन, रोग होने से काफों फसल नष्ट हो रही है। वहीं, जहां सिंचित जल पर्याप्त लग रहा है। वहां सरसों फसल अच्छी अवस्था में है। उन्होंने बताया कि सरसो फसल में आवश्यकता अनुसार ही सिचाई करें।

तखतगढ़ कमाण्ड क्षेत्र में बुवाई की गई सरसों की फसल में नमी की अधिकता तथा अधिक सिचाई जल से जल भराव वाले स्थानों पर सरसों फसल में नुकसान हो रहा है। सहायक निदेशक इस कृषि विस्तार द्वारा बताया गया कि फसलों को सीमित मात्रा में ही तथा आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई की आवश्यकता होती है। नमी की अधिकता के विभिन्न फंगल जनित बीमारियों का प्रकोप होता है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि जहां सरसो फफल नष्ट हुई है। वहां बीज उपचार पश्चाद्ध ही गेहूं की बुआई करें। बीज उपचार हेतु 2.5 (ढ़ाईग्राम) मेन्कोजेन प्रति किलो की दर से उपयोग करे या 2.5 किग्रा ट्राइकोडी कल्चर प्रति हेक्टर की दर से भूमि उपचार करना उचित होगा।

निरीक्षण के दौरान कृषि पर्यवेत्रक विनय मोहन दहिया, मंगलाराम मीना सहित पृषक बजरंग सिंह, माणक, चन्द, थान सिंह बडमत सिंह, केसाराम: केशराम, झालाराम, कानाराम आदि उपस्थित रहै।

— यह था मामला , दरअसल इस बार पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध अच्छी बारिश के कारण पर्याप्त मात्रा में पूर्णतया लबालब भरने के बाद कमांड क्षेत्र के किसानों ने अच्छी उम्मीद को लेकर नहर खुलने से करीब 25 दिन पूर्व श्राद्ध पक्ष और नवरात्रि के समय खेतों में पर्याप्त नमी होने के कारण रायडा की फसल बोई थी । लेकिन अब 3 नवंबर से नहर खुलने के बाद किसान इस फसल को सिंचाई करने में लगे हुए हैं। दूसरी तरफ सिंचाई के बाद खेतों में खड़ी राइडर की फसल मुरझाकर नष्ट होने के कगार पर है। और कई खेत के खेत साफ होने के कारण अब किसानों को महंगे खाद बीज डालकर दूसरी बार फसल बुवाई करने की चिंता सता रही है। किसानों का कहना है कि एक तरफ तो इस बार ज्यादा बारिश के कारण खरीफ की फसल भी हाथ नहीं लगी और अब यह रायंडा की फसल भी खराब हो रही है। आमदनी के अन्य स्रोत नहीं होने से आर्थिक स्तिथि खराब हो जाएगी।

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