धन तेरस धन धान्य समम्पन्नता का दिन, इस दिन आप अपने परिवार की ख़ुशी को छोड़ अन्यो की भीड़ बन 12 माह भीड़ का हिस्सा बनने से बचे अपने शिक्षित बच्चों का हित सोच घर लक्ष्मी पूजन कर घर पर ही रहे…?

PALI SIROHI ONLINE

धन वैभव की अधिष्ठात्री महालक्ष्मी का पंच पर्वोत्सव –
जानिए दीपावली के पंच पर्व का महत्व- पंडित गौड़ सुमेरपुर :9 नवंबर 2023

ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेश गौड़ ने बताया कि धन वैभव की अधिष्ठात्री महालक्ष्मी का पंच पर्वोत्सव पांच दिनों तक बड़े उत्साह व उमंग पूर्वक हर्षोल्लास से मनाकर वर्ष भर सुख शांति की कामना की जाती हैं। दीपावली का त्यौहार पांच दिनों तक दीपोत्सव के रूप में मनाने की आदिकाल से सनातन परम्परा रही है। धनतेरस से भाई दूज तक पंच दिवसीय त्यौहार वर्ष भर की खुशियों से मानव मात्र की झोली हीं नहीं बल्कि जीवन में प्रकाश, विकास, स्वास्थ्य, धन, वैभव का नव संचरण का संदेश भी इस पर्व पर मिलता हैं। कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी को भगवती लक्ष्मी का आवास माना जाता हैं।इसलिए इस दिन कुबेर पूजन किया जाता हैं। तथा चांदी के सिक्के, बर्तन व अन्य धातुओं की खरीदी शुभ मानी जाती है। एवं इसी दिन धन्वन्तरी वैद्य समुद्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। दूसरे दिन चतुर्दशी को नरकों से मुक्ति पाने हेतू सांयकाल यम दीपदान किया जाता हैं। जिसे रूप चतुर्दशी कहा जाता है। तीसरे दिन भगवती महालक्ष्मी के साथ श्री गणेश, सरस्वती, कुबेर, महाकाली की पूजा की जाती हैं। चोथें दिन गोवर्धन पूजा एवं अन्न कूट उत्सव मनाया जाता हैं। गोवर्धन भगवान श्री कृष्ण के साथ गो ग्वालों की पूजा की जाती हैं। पांचवे दिन भैय्या दूज पर्व मनाया जाता हैं।इसे यम द्वितीय के नाम से भी जाना जाता हैं।इस पंच दिवसीय धार्मिक पर्व को मनाने की कई विधि एवं परम्परा जन समाज में प्रचलित हैं। लेकिन सभी का उद्देश्य एक ही है कि वर्ष भर सुख समृद्धि एवं धन वैभव की सरिता हमारे जीवन में अनवरत बहती रहे। पंडित गौड़ ने बताया कि

जानिए कैसे मनाए पंच दिवसीय पर्व को*धन त्रयोदशी* - कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी को धनतेरस के नाम से यह पर्व मनाया जाता हैं। इस दिन धन्वन्तरी भगवान की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह पर्व वर्ष का सबसे बड़ा पर्व हैं। इस दिन भगवान धन्वन्तरी के आगे आयुर्वेदिक औषधियां रखकर ‘‘सर्वे सन्तु: निरामया’’ की भावना से आरोग्य की कामना करनी चाहिए। सभी अपने सामर्थ्य व आवश्यकता अनुसार नये बर्तन व अन्य धातुओं से बने पात्र एवं मिट्टी के बर्तन-दीपक व चांदी के सिक्के व मूर्तियां खरीदते है।इसलिए यह पर्व शुभ माना जाता है। प्राचीन काल में प्रातः जल्दी उठकर पवित्र मिट्टी लाकर उसकी पूजा की जाती थी।कुछ लोग आज भी इस परंपरा को निभाते है। तथा सांय आटे का दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर रखना चाहिए। इसे यम दीप दान भी कहते हैं। इससे पितृों को प्रकाश मिलता है। जिस कारण पितृ प्रसन्न होते है। *रूप - नरक चतुर्दशी* - कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी कहते है। इस दिन नरकों से मुक्ति पाने हेतु प्रातः काल तेल लगाकर उबटन लगाए एवं अपामार्ग पौधे से मिश्रित जल से स्नान करें एवं सौन्दर्य रूप श्री कृष्ण भगवान की पूजा करें। इस दिन भी यमराज के लिए सांयकाल दीपदान करें। इस दिन नरकासुर नामक दैत्य का श्री कृष्ण भगवान ने संहार किया था। अतः श्री कृष्ण भगवान की पूजा करें। इस दिन रूप चतुर्दशी भी मनाई जाती है। अतः अपने घर व शरीर की स्वच्छता भली भांति करें एवं सांय तेल का चोमुखा दीपक एक थाली में रखें तथा सोलह छोटे दीपक इसी थाली में रखकर गन्ध, अक्षत्, पुष्प से इन दीपों की पूजा कर परिंडें, तुलसी, देवालय, पीपल आदि स्थानों पर रखें एवं द्वार चोखट पर भी दीप रखें। इससे सभी प्रकार की बाधाओं से शांति मिलती है, एवं जीवन प्रकाशमय बन जाता हैं। *दीपावली* - कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीपावली का पर्व हर्षोल्लास से मनावें। इस दिन लक्ष्मीजी की प्रसन्नता के लिए अपने घर को साफ सुथरा बनावें एवं नये वस्त्र आभूषण धारण करें। नाना प्रकार के मिष्ठान बनावें तथा पूजन के समय महालक्ष्मी को भोग लगावें। यह भगवती लक्ष्मी समुंद्र मंथन से प्रकट हुई थी एवं भगवान विष्णु को पति रूप में स्वीकार किया था। अगर श्रद्धापूर्वक विधि विधान से लक्ष्मी पूजन करते हैं तो लक्ष्मी का वास अवश्य होता हैं। लक्ष्मी पूजन - सांय काल गोधूली प्रदोष वेला से ही लक्ष्मी पूजन का सिल सिला शुरू हो जाता हैं। लक्ष्मी पूजन हेतू एक पाटे पर लाल वस्त्र बिछाएँ। उस पर चावल से अष्टदल बनाकर पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख बैठ कर अपनी पत्नि को दक्षिण हाथ की और बैठायें तथा पास में परिवार जन बैठ जावें। चोकी पर श्रीगणेश, मां लक्ष्मी, सरस्वती के चित्र या सिक्के विराजमान कर दे तथा दीपक, अगरबत्ती प्रज्जवलित कर सम्पूर्ण पूजन सामग्री से भगवान गणेश, श्री महालक्ष्मी, सरस्वती, कुबेर सहित कलश का पूजन करें तथा बहीखाता, कलम, दवात, तिजोरी का पूजन करें, प्रसाद का भोग लगावें। अखण्ड दीप जलावें, रात्रि में जागरण करें।

तथा श्री सूक्त, गोपाल सहस्त्रनाम, कनकधारा, लक्ष्मी सूक्त के पाठ करें। सांय काल पूजा के समय में दीप ज्योति (चोमुखा दीपक) एक थाली में रखें तथा अन्य 11-21-51 दीपक प्रज्ज्वलित कर घर के द्वार, परिण्डे, तुलसी, पीपल, देवालयों सहित दीपमाला बनाकर लक्ष्मीजी के सम्मुख रखें आरती करें भोग लगाया हुआ प्रसाद का वितरण करें, छोटे बड़ों के पैर छुऐं।
दीपावली पूजन हेतु सामग्री शुद्ध क्रय करें एवं अपनी सामर्थ्य अनुसार सामग्री लानी चाहिए। प्राचीनकाल में तो राजा महाराजा राजसी महापूजन करते थे। अतः श्रद्धा सामग्री अनुसार विधि विधान से पूजा की जानी चाहिए।

अन्नकूट व गोवर्धन पूजा

कार्तिक शुक्ला प्रतिपदा को अन्नकूट उत्सव मनाया जाता हैं तथा प्रातः काल गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती हैं। घर के द्वार के बाहर गायों का गोबर रखकर दीप जलाकर वहां गंध अक्षत, पुष्प, नैवैध चढावें व बोर काचरे, ऋतुफल चढाकर गो ग्वालों की पूजा करनी चाहिए तथा मंदिरों में नई फसल मोठ-बाजरा-चना-चावल-मूंग सहित आदि अनेक प्रकार के पकवानों एवं मिष्ठानों के छप्पन भोग लगाकर प्रसाद लेना चाहिए। एक दूसरे के घर जाकर रामा- सामा करनी चाहिए।*भैय्या दूज यम द्वितीया* -

कार्तिक शुक्ला द्वितीय को भैया दूज व यम द्वितीय के नाम से भी जानी जाती हैं। भैया दूज पर यमराज एवं यमुना का पूजन कर भाईयों को अपनी बहनों के घर जाकर रक्षा सूत्र बंधवाने चाहिए। भगवान सूर्य की पत्नि छाया के गर्भ से शनिदेव, यमराज व यमुना का जन्म हुआ था। यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह रखती थी तथा यमुना अपने घर भोजन करने के लिए यम को बार बार बुलाती लेकिन यमराज बात को टालते रहते, एक बार कार्तिक शुक्ला द्वितीया को यमुना ने यमराज को निमंत्रण भेजा तथा यमराज को वचनबद्ध कर लिया। यमराज ने सोचा मैं मृत्यु का देवता हूँ मुझें कोई नहीं बुलाना चाहता। जिस प्रेम से यमुना बहन बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। अतः यमराज ने यमुना के घर जाकर भोजन किया तथा यमुना से वरदान मांगने को कहा। इस पर यमुना ने कहा आज के दिन जो भाई अपनी बहन के यहां आकर भोजन करें, उनको यम का भय नहीं रहें। पंडित गौड़ ने बताया कि

इन उपायों से करे पूजन

  • दीपावली पर स्वच्छता रखें दीपों की रोशनी करें लेकिन तेज आवाज के पटाखें ना फोड़े।
  • घर में अखंड़ प्रकाश या दीप जलाएं।
  • पूरी रात्रि जागरण करें व सद्विचार रखें।
  • किसी स्तोत्रों का पाठ करें।
  • काम, क्रोध, ईर्ष्या का भाव नहीं रखें।
  • सामग्री व श्रद्धा के मेल से पूजा करें।
  • गरीब महिलाओं को सुहाग सामग्री व वस्त्र आदि भेंट करें।
  • हर मानव जीव को ईश्वर समझ सम्मान करें।
  • अपने आसपास गंदगी न रहे व न अंधेरा रहे,इस हेतु अंधेरे में दीपदान से प्रकाश करें।
  • पटाखों-रोशनी से किसी को हानि न हो या किसी गरीब की झोपड़ी में आग ना लगे इस बात का ध्यान रखें।
  • आवागमन के रास्तों में बड़े पटाखें फोड़कर मार्ग अवरूद्ध न करें क्योकि किस रूप में भगवान विष्णु व लक्ष्मीजी आ रहे हों।
  • दीपावली पर बड़ों को प्रणाम, छोटों को आशीर्वाद और असहायों पर दया भाव रखें।
  • सार्वजनिक स्थानों, बगीचों, देवालयों की सफाई में सहयोग कर वृक्षों की पूजा करें।
  • बड़े पटाखों को न छोड़े न जलावें इनसे विषैला धुंआ व ध्वनि से मानव,पर्यावरण, जीव जन्तुओं पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए दीप या मोमबत्ती जलाकर अथवा हल्के विद्युत बल्बों से ही रोशनी करें।
  • समाज व शासन का सहयोग करें व अपने जीवन को प्रकाशमय बनावें।

पित्तर दोष शांति के लिए दीपावली पर्व श्रेष्ठ

जन्म कुण्डली में श्रापित दोष, कालसर्प दोष, सर्पदोष, गृह दोष व पितृ दोष हो तो

निम्न उपाय करें।

  1. धन तेरस को सांय काल 5.46 बजे से 8.10 बजे के मध्य आटे को दीपक बनाकर तिल्ली तेल से दीपक प्रज्ज्वलित करें एवं द्वार चोखट पर रखें तथा परिन्डे, पीपल, तुलसी व देवालय में दीपक रखें।
  2. नरक चतुर्दशी को भी सांय काल इसी तरह तिल्ली तेल का दीपक चोखट परिन्डे, पीपल, तुलसी व देवालय में रखें तथा यमराज को नमस्कार करें।
  3. दीपावली को अमावस्या के मध्याह्न में पितरों के तर्पण करें, ब्राह्मण भोजन करावें एवं सांय काल द्वार, पीपल, तुलसी, देवालय सहित परिन्डे में तिल्ली तेल से दीपदान करें तथा यमराज सहित सभी पितृरों को प्रणाम करें एवं श्री कृष्ण भगवान की पूजा करें।
  4. अन्नकूट पर गोवर्धन धारी श्री कृष्ण का ध्यान पूजन कर नानाविधि व्यंजनों से भोग लगावें तथा प्रसाद वितरण करें।
  5. यम द्वितीय को यमराज व यमुना मैया की पूजा करें तथा भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन कर भेंट दें।

पाली सिरोही ऑनलाइन के सोशियल मीडिया हैंडल से जुड़ें…

ट्विटर
twitter.com/SirohiPali

फेसबुक
facebook.com/palisirohionline

यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें
https://youtube.com/channel/UCmEkwZWH02wdX-2BOBOFDnA