भगवान को मिला आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस गलती मानकर लिया वापस; जताया खेद

PALI SIROHI ONLINE

माउंट आबू-आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में भगवान को नोटिस जारी हो गया। सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा आबू विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी और एसडीएम माउंट आबू सिद्धार्थ पालनीचामी ने नोटिस जारी कर भगवान से 10 नवंबर तक जवाब मांग लिया। हांलाकि बाद में उन्होंने इसे कार्यालय की गलती मानते हुए वापस ले लिया। लेकिन यह नोटिस अभी भी स्वरूपगंज क्षेत्र में सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

जानकारी के अनुसार स्वरूपगंज कस्बे में पुलिस चौकी के सामने मुनि महाराज जी का मंदिर है। जहां पिछले कुछ दिन पहले लोगों ने प्रशासन की अनुमति के बिना राजनीतिक सभा का आयोजन किया था। जिसकी शिकायत पर एफएसटी टीम ने वीडियो क्लिप बनाए। मामले में 3 नवंबर को रिटर्निंग अधिकारी और एसडीएम, भीलवाड़ा आबू की ओर से आचार संहिता के उल्लंघन मामले में स्वरूपगंज के मुनि महाराज के नाम से नोटिस जारी कर 10 नवंबर तक जवाब मांगा गया है।हम संशोधन कर रहे हैं

रिटर्निंग अधिकारी माउंट आबू ने बताया कि चुनाव में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में सभा के आयोजकों को नोटिस देना था। क्योंकि क्षेत्र में सभा करने की शिकायत पर जानकारी मिली थी कि उक्त मंदिर में इस नाम का कोई संत रहता है। यह लिपि के त्रुटि है, इसकी पूर्ण जानकारी कर हम संशोधन कर रहे हैं।

स्वरूपगंज कस्बे लोगों ने बताया कि कुछ समय पहले मुनि महाराज का देहावसान हो गया। लोग उन्हें पूजते थे। क्षेत्र के लोगों ने मंदिर बनाकर उनकी मूर्ति स्थापित की थी। तब से लोग उनकी मंदिर में सेवा पूजा करते आ रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने बताया कि यहां कोई संत नहीं रहता है। ऐसे में मंदिर के नाम से जारी किया गया

वापस लिया नोटिस

मामले में रिटर्निंग अधिकारी ने स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया है। जिसमें श्रीमुनीजी महाराज के नाम से जारी नोटिस के संबंध में स्पष्टीकरण देकर बताया कि विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आबू पिण्डवाड़ा के अन्तर्गत कस्बा स्वरूपगंज में धार्मिक स्थल पर सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना सभा आयोजित करने की सूचना मिली थी। जिस पर इस कार्यालय के नोटिस क्रमांक चुनाव / 2023/341 दिनांक 03.11.2023 के द्वारा मुनीजी महाराज स्वरूपगंज के नाम नोटिस जारी किया गया था। जहां अधोहस्ताक्षरकर्ता के संज्ञान में यह आया है कि नोटिस में उल्लिखित नाम किसी व्यक्ति विशेष / प्रबन्धक का नहीं है बल्कि मंदिर में विराजमान पूजनीय शाश्वत भगवान जी का है। इसे कार्यालय स्तर से हुई गलती मानते हुए और पूर्ण खेद जताते हुए उक्त नोटिस को तुरन्त प्रभाव से वापस लिया जाता है।

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