पाली- गृहस्थ को अग्नि का सम्मान करना चाहिए: विजयराज आर्य

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अग्निमिले पुरोहित” अग्नि ही सबका मार्गदर्शक हैं, गृहस्थ को अग्नि का सम्मान करना चाहिए: विजयराज आर्य

घेवरचन्द आर्य पाली


पाली 30 अक्टूबर। आर्य समाज मंत्री विजयराज आर्य ने कहां की अग्नि ही सबका मार्गदर्शक, पथदर्शक और देवताओं तक आहुतियां पहुंचाने वाला अग्रणीय देव है।

अग्निमिले पुरोहित” इसलिए वेद में अग्नि को पुरोहित कहा गया है। जो अग्नि यज्ञ में प्रज्वलित है वहीं अग्नि मनुष्य के शरीर में भी विधमान है। जो अग्नि गृहस्थ को भोजन पकाकर देती है। वहीं अग्नि उसके अन्तिम संस्कार में भी काम आती है। जिस घर में अग्नि का सम्मान होता है, वहां सब देवताओं का वास रहता है। वे आज सरदार पटेल नगर में आयोजित यज्ञ में उपस्थित जनों को गृहस्थ धर्म पर सम्बोधित कर रहे थे।

इससे पूर्व आर्य समाज पाली द्वारा चलाए जा रहे घर-घर यज्ञ संस्कार कार्यक्रम अभियान के तहत आर्य समाज पाली के मंत्री विजयराज आर्य एवं वैदिक विद्वान पेपसिह आर्य के ब्रह्मात्व में सरदार पटेल नगर में देवयज्ञ किया गया। जिसमें उपस्थिति जनों से वेद मंत्रों से आहुतियां दिलवाकर मंत्रों का अर्थ सहित रहस्य समझाया गया। इस यज्ञ में ओमप्रकाश एवं रोहित पेडिवाल सपत्नीक मुख्य यजमान बने।

इस अवसर पर आर्य वीर दल संरक्षक धनराज आर्य, प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य, सुआलाल पेडीवाल, राजेश पेडिवाल, सौरभ पेडिवाल, अशोक भाटी, हंजादेवी, अनुपमा देवी, प्रियंका देवी सहित बस्ती के गणमान्य जन मोजूद रहे।

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