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कोटपूतली (जयपुर)-पत्नी के घर छोड़कर जाने से परेशान युवक ने शुक्रवार को बेटे, बेटी और भतीजे के साथ मंदिर में जहर खा लिया था। चारों को गंभीर हालत में पावटा सीएचसी ले जाया गया, जहां से जयपुर रेफर कर दिया गया था। जयपुर के निम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान शुक्रवार को बेटी की मौत हो गई थी। वहीं, पिता ने भी शनिवार तड़के तीन बजे दम तोड़ दिया। मामला पावटा के प्रागपुरा थाना क्षेत्र का है।
प्रागपुरा थाना अधिकारी राजवीर ने बताया- कृष्ण (25) पुत्र अमीचंद पावटा क्षेत्र के ग्राम तुलसीपुरा का रहने वाला था। कृष्ण 4-5 दिन से मानसिक रूप से परेशान था। शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे कृष्ण ने गांव के एक मंदिर में अपने दोनों बच्चों वंश (7), रुचि (4) और भतीजे विनीत (5) पुत्र घनश्याम को जहर खिला दिया। इसके बाद उसने भी जहर खा लिया। इलाज के दौरान बेटी रुचि और पिता कृष्ण की मौत हो गई। बेटा वंश और भतीजे विनीत का निम्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
मामला गृह क्लेश की वजह से खुदकुशी करने का लग रहा है। फिर भी हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। डॉक्टर्स की रिपोर्ट और जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जहर खाकर पिता को किया फोन
कृष्ण के पड़ोसी सुरेश गिठाला (40) ने बताया कि कृष्ण पावटा में परचून की दुकान पर काम करता था। कृष्ण और उसकी पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। 21 अक्टूबर की रात को उसकी घर छोड़कर चली गई। तभी से कृष्ण काफी परेशान था। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे कृष्ण तीनों बच्चों को स्कूल से लेने गया था, लेकिन घर नहीं लौटा।
कृष्ण ने मंदिर में पहुंच कर जहर खा लिया। इसके बाद गांव में ही किराने की दुकान करने वाले अपने पिता अमीचंद को इस बारे में फोन पर जानकारी दी। यह सुनकर अमीचंद बेहोश होकर गिर पड़े। करीब 10 मिनट बाद अमीचंद को होश आया तो उन्होंने इसके बारे में मुझे बताया। इसके बाद दोपहर करीब 2:15 बजे कृष्ण और तीनों बच्चों को हॉस्पिटल पहुंचाया।
बेटे ने टैबलेट खाते कर दी थी उल्टी, इसलिए बच गया कृष्ण के चचेरे भाई कालूराम ने बताया कि, घर से 1 किलोमीटर दूर तीन बच्चों का स्कूल था। कृष्ण जब तीनों बच्चों को स्कूल से लेने गया था तो वापस आते हुए आधे रास्ते में ही एक मंदिर है। कृष्ण तीनों बच्चों के साथ वहीं रुक गया। उसने जेब से अनाज में डालने वाले कीटनाशक टैबलेट निकाले और तीनों बच्चों को खाने के लिए दे दिया।
कालूराम ने बताया कि रूचि अपने पिता कृष्ण का हर कहना मानती थी। वो काफी लाड़ली थी, उसने बिन ना नुकर करे पूरी टैबलेट गटक ली। वहीं वंश को टैबलेट खाना पसंद नहीं था। टैबलेट खाने के करीब 5-10 मिनट बाद ही वंश ने उल्टियां कर दी। इसके बाद बेहोश हो गया। इस वजह से वंश की हालत ज्यादा नहीं खराब हुई, लेकिन विनित की हालत अभी भी गंभीर है।
डेढ़ साल पहले हुई थी भाई की मौत, भतीजा रहता है साथ
कृष्ण के पिता अमीचंद के मुताबिक, डेढ़ साल पहले बड़े बेटे घनश्याम (30) की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। घनश्याम की मौत के बाद उसकी पत्नी अपने बेटे विनीत को छोड़ कर चली गई। ऐसे में विनीत की देखभाल भी कृष्ण ही कर रहा था।
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