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अखंड सौभाग्य के लिए रखे जाने वाले व्रत करवा चौथ पर इस बार कई महासंयोग बन रहे हैं। दरअसल 1 नवंबर को आनी वाली करवा चौथ पर बुधादित्य योग, अमृत योग, शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का महासंयोग 100 साल बाद बन रहा है। पंडितों का कहना है कि इस महासंयोग पर करवा चौथ व्रत और पूजा वैवाहिक जीवन के लिए सुख समृद्धि और कोट पुण्य का फल देने वाली है। पंडित सीताराम व्यास टेवाली ने बताया कि महिलाओं को मां गौरी और भगवान शिव के साथ गणेश भगवान का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर निर्जला व्रत 1 नवंबर रखा जाएगा। इसकी वजह उदया तिथि है। पंडित सीताराम व्यास ने बताया कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर की रात 9 बजकर 30 मिनट से होगी। 1 नवंबर बुधवार की रात 9 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी।
सूर्योदय व्यापानी चतुर्थी होने के साथ ही चंद्रोदय व्यापनी चतुर्थी की तारीख बुधवार को पड़ रही है। उदयातिथि का महत्व होने की वजह से इस व्रत की पूजा 1 नवंबर को होगी। इस दिन चंद्रोदय का समय रात 8:26 बजे है। करवा चौथ के दिन चंद्रमा को देखने और उसकी पूजा करने के बाद ही व्रत खोला जाता है।कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर की रात 9 बजकर 30 मिनट से होगी। 1 नवंबर बुधवार की रात 9 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी।
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यह है योग का समय
ज्योतिषाचार्य पंडित चैतन्य श्रीमाली ने बताया कि करवा चौथ पर इस बार 100 साल के बाद चंद्रमा में मंगल और बुध एक साथ विराजमान है। जिस कारण बुध आदित्य योग बन रहा है। इसके अलावा अमृत योग के साथ शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत सुबह 6 बजकर 33 मिनट से होगी और 2 नवंबर को सुबह 4 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगा। 1 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 7 मिनट से शिव योग शुरू होगा।
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