बेटे-बेटी की शादी से पहले पिता की मौत: डोली उठने और दुल्हन आने के बाद उठी अर्थी, गांववालों ने निभाई रस्में

PALI SIROHI ONLINE

डेगाना-घर में हर तरफ खुशी का माहौल था। महिलाएं मंगल गीत गा रही थी मेहमान आ चुके थे भाई बहन की शादी क तैयारियां पूरी हो चुकी थी। घर से डोली उठने और नई दुल्हन के स्वागत की तैयारी हो रही थी। इस बीच एक हादसे से पूरी खुशियां मातम में बदल गई। हादसा नागौर के डेगाना में हुआ। यहां बेटे-बेटी की शादी के एक दिन पहले पिता की मौत हो गई।

दिल को झकझोर देने वाली ये घटना चांदारूण गांव में हुई। ओमप्रकाश जांगिड़ (53) की बेटी ज्योति (22) और बेटे दीपक (24) की आज एक ही दिन शादी थी। बेटी और बेटे की शादी से घर में खुशी का माहौल था।

मंगलवार शाम ओमप्रकाश शादी का सामान लेने स्कूटी से चांदारूण से डेगाना शहर गया था वह सामान लेकर देर शाम गांव लौट रहा था। डेगाना चादारूण स्टेट हाईवे पर गांव से महज 1.5 किलोमीटर की दूरी पर सरकारी स्कूल के पास ट्रैक्टर ने ओमप्रकाश को रौंद दिया। हादसे में ओमप्रकाश बुरी तरह घायल हो गया।

डेगाना थाना इंचार्ज अर्जुन लाल ने बताया कि ओमप्रकाश को गंभीर हालत में डेगाना हॉस्पिटल लाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मंगलवार रात शव डेगाना हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया।

बेटा-बेटी से छिपाई रखी बात सड़क हादसे की बात परिवार के कुछ लोगों के बीच थी। घर में दो-दो शादियां थीं। इसलिए तय किया कि बच्चों को हादसे के बारे में न बताया जाए। सादगी से शादी करेंगे और उसके बाद अंतिम संस्कार कर देंगे। परिजनों और कुछ ग्रामीणों ने शादी की जिम्मेदारी ली और रस्में निभाई। बुधवार को दिन में दीपक की बारात को बूटाटी (नागौर) के लिए रवाना किया गया। वहीं दोपहर में ज्योति की बारात बिखरनिया (नागौर) से आई बारात का स्वागत किया गया। मंगल गीत गाए गए।

बेटी के विदा होते ही बॉडी घर पहुची

बेटी ज्योति के फेरे दूल्हे रामवतार से घर में न करवाकर डेगाना के विश्वकर्मा मंदिर में करवाए गए शादी की नाम मात्र रस्में कर ज्योति को विदा किया गया। दीपक भी दुल्हन भारती को लेकर घर पहुंचा। बहू का गृह प्रवेश होने के बाद शाम 4 बजे के करीब ओमप्रकाश का शव घर में लाया गया। बॉडी घर पहुंची तो कोहराम मच गया।

दो साल पहले हो चुका मां का निधन दो साल पहले दीपक और ज्योति की मां का निधन हो गया. था। ऐसे में शादी से पहले ही दोनों के सिर से पिता का साया भी उठ गया। गांव के धर्मेंद्र जांगिड़ ने बताया कि ओमप्रकाश की पारिवारिक स्थिति को देखते हुए उसके शिक्षक भाई लक्ष्मीनारायण जांगिड़ ने दीपक और ज्योति की शादी का पूरा
खर्च उठाया था

फूट-फूटकर रोए भाई-बहन आज जब नई बहू ने घर में प्रवेश कर लिया और ज्योति भी अपने पति के साथ लौटकर घर आई तब पिता का शव घर में लाया गया। कुछ देर बाद सभी रस्मों को पूरी कर शाम 5 बजे ओमप्रकाश का अंतिम संस्कार कर दिया गया। दोनों भाई-बहन फूट-फूट कर रोए ।

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