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नटवर लाल मेवाड़ा सांडेराव
सांडेराव में 03 घंटे से हाइवे जाम, निर्णय कुछ नहीं
कच्चे रास्ते से होते हुए किसान पहुंचे हाइवे पर, धूप में हो रहे परेशान
सांडेराव में पिछले करीब 3 घंटे से किसान हाइवे पर जमा लगा बैठे है। लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला। मौके की नजाकत देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने भी वाहनों का रास्ता बदलकर निकाल रही है। मौके पर भारी पुलिस जाप्ता तैनात है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरे घटनाक्रम नजर रखे हुए है।
साण्डेरावः- जवाई बांध के पानी के बंटवारे के लिए आयोजित की जाने वाली बैठक इस बार 10 अक्टूबर को सुमेरपुर की जगह पाली में आयोजित की गई। जिसमें संभागीय आयुक्त 4010 MCFT पानी सिंचाई और 3000 MCFT पानी पेयजल के लिए रिर्जव किया था लेकिन उसके बाद भी किसान अपनी मांग पर अड़े है कि बैठक सुमेरपुर या जवाई बांध पर हो। किसानों ने अपना महापड़ाव खत्म नहीं किया तो गुरुवार को सुमेरपुर में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ओपी विश्नोई के नेतृत्व में किसान प्रतिधियों की बैठक हुई थी लेकिन वह भी बेनतीजा रही। ऐसे में अपने तय प्लान के तहत शुक्रवार सुबह 11 बजे किसान नेता जयेन्द्रसिंह गलथनी के नेतृत्व में सैकड़ों किसान सांडेराव में बाबा रामदेव मंदिर पहुंचे। यहां किसान नेताओं ने संबोधित किया। उसके बाद किसान मंदिर के निकट कच्चे रास्ते से होते हुए 2:10 पर हाइवे पर पहुंच गए। एक तरफ का मार्ग महिलाओं ने तो दूसरी तरफ का मार्ग पुरुषों ने रोक दिया और जमकर नारेबाजी की। ऐसे में मौके पर तैनात प्रशासनिक अधिकारियों ने सांडेराव से होकर गुजरने वाले पुराने हाइवे से वाहनों को निकालना शुरू कर दिया। जिससे जाम जैसी स्थिति नहीं बनी। किसानों को अब तक तीन घंटे से ज्यादा समय हो गया है। हाइवे पर जमे हुए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। अब देखने वाली बात होगी कि शाम ढलने के बाद कितने किसान हाइवे पर जमे रहते है।
1 KM पहले ही रोक दिया था
सुबह 11 बजे से किसान सांडेराव की तरफ ट्रेक्टर-ट्रॉली लेकर पहुंचने लगे। पुलिस-प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड पर था। उन्होंने सांडेराव से एक किलोमीटर पहले ट्रेक्टर ट्रॉली रूकवा दिए। कुछ किसानों ने विरोध भी किया लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें आगे ट्रेक्टर-ट्रॉली के साथ नहीं जाने दिया। ऐसे में सड़क किनारे ट्रेक्टर-ट्रॉली रख किसान पैदल आगे पहुंचे।
यह है मामला
दरअसल, किसानों का कहना है कि, पानी को लेकर हमेशा सुमेरपुर में बैठक हुई है। लेकिन इस बार प्रशासन ने पाली में बैठक को किया है। प्रशासन पर किसानों को नजर अंदाज करने का आरोप लगाया है। नाराज किसानों ने आज सांडेराव में हाइवे जाम की चेतावनी दी थी।
ऐसे पुलिस का चकमा देख हाइवे पर पहुंचे किसान
बाबा रामदेव मंदिर के निकट कच्चा रास्ता है। जो खेतों की तरफ जाता है। यहां पुलिसकर्मी कम ही तैनात थे। किसान नेताओं के संबोधन के बाद किसानों की भीड़ इस रास्ते से होते हुए हाइवे पर पहुंची। एक तरफ महिलाएं और दूसरी तरफ पुरुष किसान हाइवे पर बैठ गए। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास भी किया था लेकिन भीड़ ज्यादा होने के कारण वे कामयाब नहीं हो सके। और जब तक अन्य पुलिस जाप्ता मौके पर आता तब तक किसान खेतों से होकर हाइवे की तरफ निकल चुके थे।
ट्रॉफिक रूट बदला, ताकि न लगे जाम
किसानों के हाइवे जाम करने के बाद प्रशासन ने रूट बदलते हुए पुराने हाइवे से वाहनों को निकालना शुरू किया। जिससे की जाम के चलते सड़कों के दोनों तरफ वाहनों की कतार न लगे।
सांडेराव के चारों तरफ के रास्तों पर पुलिस जाप्ता तैनात
इससे पहले किसानों के हाइवे जाम की घोषणा के बाद शुक्रवार सुबह सांडेराव में पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर नजर आया। एएसपी पाली बुगलाल मीणा, एएसपी बाली बृजेश कुमार, सीओ सुमेरपुर रजत विश्नोई, सीओ गौतम जैन, सीओ रूरल मंगलेश चुंडावत सहित कई पुलिस के आला अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी सुबह से ही सांडेराव में भारी पुलिस जाप्ते के साथ तैनात है। सांडेराव में आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस की नाकाबंदी है। यहां कोसेलाव तिराहा, रामदेव मंदिर बस स्टैंड सांडेराव , सांडेराव-फालना चौराहा, दुजाना हाइवे पूल के नीचे, ड्रीमलैंड होटल के आगे, सांडेराव पुलिस चौकी रास्ते के आगे पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी है।
रोडवेज नहीं आने से यात्री परेशान

किसानों के धरने के चलते 11 बजे के बाद सांडेराव बस स्टैंड पर एक भी रोडवेज बस नहीं आ पा रही है। उन्हें सीधे हाईवे से आगे के सफर के लिए रवाना कर रहे है। ऐसे में सुमेरपुर, पाली, तखतगढ़ की तरफ जाने के लिए यात्रियों को रोडवेज बस नहीं मिल पा रही है।
कानून तोड़ने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई- जबरसिंह
सेवा और महासमिति के अध्यक्ष जबरसिंह राजपुरोहित का कहना है कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अपनी हठधर्मिता के चलते कुछ लोग किसानों को सड़क पर लेकर आ गए है जो गलत है। किसानों को जो पानी सिंचाई के लिए दिया गया है वह पर्याप्त हैं।
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