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मावली।एसीबी ने मावली से दबोचा था, आरोपी ने साथ पढ़े दोस्त को भी नहीं बख्शा पट्टा जारी करने की एवज में 15 हजार की रिश्वत लेने के आरोपी मावली सरपंच को कोर्ट ने जेल भेज दिया। वहीं शिकायत करने वाला प्रार्थी व सरपंच सहपाठी रह चुके हैं। सरपंच ने कहा था कि पहचान होने के कारण वह उससे एक लाख की जगह 30 हजार ही ले रहा है। वहीं लोगों ने उसके कार्यकाल में हुए निर्माण कार्यों की जांच करवाने की मांग की हैं।
एसीबी उदयपुर के पुलिस निरीक्षक रतनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि मावली गांव निवासी हेमेंद्र पुत्र चतुर्भुज जाट को 15 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे गुरुवार को अदालत में पेश किया। जहां से उसे 15 दिन की जेल भेज दिया।
मामले में एक दिन पहले ग्राम विकास अधिकारी भरतकुमार मीणा की भूमिका संदिग्ध बताई थी, लेकिन अभी उसके खिलाफ घूस लेने में सीधे आरोप तय नहीं होना बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कस्बे के शकील अहमद ने सरपंच के खिलाफ पट्टे की एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।
सरपंच ने शकील के मकान का पट्टा जारी करने की एवज में 30 हजार रुपए मांगे थे। एसीबी के अनुसार सरपंच ने प्रार्थी को कहा था कि पट्टा एक लाख रुपए में बनता है, लेकिन प्रार्थी उसकी पहचान का होने की वजह से वह 30 हजार रुपए ही ले रहा है।
आरोपी 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। रिश्वत लेने से एक दिन पहले ही सरपंच प्रार्थी के मकान पर जाकर जमीन का नाप लेकर आया था। प्रार्थी तथा सरपंच सहपाठी रह चुके हैं। इसके बावजूद पट्टे की एवज में रिश्वत ली गई।
घोषणा पत्र में लिखा था- मुफ्त पट्टे दूंगा, 1 से 2 लाख तक वसूल रहा था

प्रार्थी ने एसीबी को सरपंच की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायत की है। ग्रामीणों ने बताया कि दो साल पहले पंचायत चुनाव लड़ने के दौरान सरपंच हेमेंद्र जाट ने वोट लेने के लिए घोषणा पत्र जारी किया था। घोषणा पत्र में उसने जनता को निशुल्क पट्टे वितरण करने का दावा किया था। निशुल्क पट्टे देने की घोषणा के बावजूद वह लोगों को पट्टे जारी करने की एवज में लाखों रुपए वसूल रहा था। लोगों ने उसके कार्यकाल में बनी सड़क, नालियों के निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए निर्माण कार्यों की जांच कराने की मांग की है।
लोगों का आरोप है कि पिछले दिनों ग्राम पंचायत ने कस्बे में हैंडपंप खुदवाने के काम में अनियमितता बरती गई है। हैंडपंपों की मौके पर कम खुदाई की गई है, जबकि कागजों में ज्यादा खुदाई करना बताकर फर्जी भुगतान उठा लिया गया है। हैंडपंपों की खुदाई जरूरत वाली जगह पर नहीं करने की बात भी कही है। लोगों ने एसीबी से निर्माण कार्यों की जांच कराने की मांग की है।