सांडेराव में जवाई पाइप लाइन फूटी,111 गांवों में बाधित होगी पेयजल सप्लाई

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नटवर मेवाड़ा

धमाके साथ फूटी जवाई पाइन लाइन, लाखों लीटर जवाई का पानी बहा

सांडेराव में जवाई पाइप लाइन फूटी,111 गांवों में बाधित होगी पेयजल सप्लाई

साण्डेराव-कोसेलाव तिराहे पर स्थित डाक बंगले के पीछे से गुजर रही जवाई बांध से आने वाली मुख्य पाइप लाइन सोमवार शाम करीब छह बजे धमाके के साथ फूट गई। जिससे लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहर गया। पाइप लाइन फूटने से सांडेराव की आगे की तरफ के करीब 111 से ज्यादा गांवों में पेयजल सप्लाई बाधित रहेगी। वही मामले में जलदाय विभाग के एसई का कहना हैं कि टीम जुटी हैं।

बुधवार शाम तक पाइप लाइन को दुरुस्त कर सप्लाई फिर से शुरू कर दी जाएगी।
जिले में वैसे भी इन दिनों पेयजल संकट चल रहा हैं। पेयजल की कमी के चलते सोजत में जवाई बांध से आपूर्ति फिलहाल बंद हैं। नाडोल में भी लोग पेयजल की पर्याप्त सप्लाई नहीं होने से परेशान हैं। ऐसे विकट समय में अब सोमवार शाम को सांडेराव के डाक बंगले के पीछे की तरफ से गुजर रही जवाई बांध से आने वाली मुख्य पाइप लाइन फूट गई।

जिससे सांडेराव से आगे के तरफ के ढोला, खौड़, पाली सहित आस-पास के करीब 111 गांवों में पेयजल सप्लाई बाधित रहेगी। वही पाइप लाइन फूटने से लाखों लीटर पानी व्यर्थ ही बह गया। सूचना देने के बाद भी पेयजल लाइन को दुरुस्त करने के लिए टीम के देर से पहुंचने को लेकर ग्रामीणों ने रोष जताया।

उन्होंने कहा कि पाइन लाइन लीकेज होने से नहर पानी से लबाबल हो गई। पानी गोल तालाब में नहर के जरिए चला गया। इस पानइ लाइन से फिल्टर हाऊस के जरिए पानी घरों तक सप्लाई होता हैं।
पाइप लाइन को दुरुस्त करने का चल रहा काम
मामले में जलदाय विभाग के एसई जगदीश प्रसाद शर्मा का कहना हैं कि सूचना मिलते ही टीम को मौके पर भेज दिया। रात-दिन काम चलेगा। संभवत बुधवार शाम तक पाइप लाइन को दुरुस्त कर दिया जाएगा। उसके बाद फिर से पेयजल सप्लाई शुरू हो सकेगी।
पानी की सप्लाई बंद करने के बाद करना पड़ता हैं दुरुस्त
जानकारी के वर्ष 2004 में सउदी अरब, मस्कट में तेल सप्लाई के लिए काम में ली जाने वाली ग्लासफाइबर रेनफोर्स पाइपलाइन (जीआरपी) प्रोजेक्ट के तहत एसटीएमएल कंपनी ने बिछाई थी। इसे बिछाने में 250 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

इसकी खूबी है कि यह जंग नहीं खाती, लेकिन हर साल 5 से 6 बार क्षतिग्रस्त होती है। इसे ठीक करने के लिए पूरी लाइन का पानी खाली करने के बाद उसे सुखाया जाता है। बाद में केमिकल से पाइप के अंदर और बाहर पेस्टिंग की जाती है। सूखने के बाद ही पानी छोड़ा जाता है। खास बात यह है कि इसी पाइपलाइन से जिले के करीब 560 गांव व 10 शहर जुड़े हुए हैं। एक बार यह पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने पर 3 से 4 दिन में ठीक होती है। स्थिति यह हैं कि पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद इस ठीक करने के लिए जवाई प्रोजेक्ट की टीम के पास विशेष कर्मचारी व संसाधन उपलब्ध नहीं है।

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