जिला कलक्टर अंश दीप ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से लोगों को रोजगार से जोड़कर उन्हें राहत दी जाए

PALI SIROHI ONLINE

पाली, 28 मई। जिला कलक्टर अंश दीप ने कहा कि कोरोना संकट के कारण लोगों की आजीविका पर विपरीत असर पड़ा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ मनरेगा के माध्यम से लोगों को रोजगार से जोड़कर उन्हें राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि आगामी महीनों में मानसून को देखते हुए मनरेगा के तहत पौधारोपण का कार्य वृहद स्तर पर कराया जा सकता है। इसमें कोविड प्रोटोकॉल की पालना आसान होगी। इसको ध्यान में रखते हुए वन विभाग, मनरेगा एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त कार्ययोजना तैयार करें।

उन्होंने कहा कि मई-जून के माह में तेज गर्मी के कारण मनरेगा श्रमिकों को गेंती, फावड़ा, परात आदि औजारों के उपयोग के साथ ही काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने पूर्व में भी इस समस्या को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर मजदूरी को यथावत रखते हुए कार्य समय में बदलाव किया था और इसके अनुरूप टास्क को भी कम किया था। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण का स्तर काफी अधिक देखने को मिला है। इसे ध्यान में रखते हुए मनरेगा कार्यस्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना सुनिश्चित कराई जाए। श्रमिक आवश्यक रूप से मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम के लिए डोर-टू-डोर सर्वे कारगर उपाय है। इसे निरंतर जारी रखा जाए। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग अपने संसाधनों के माध्यम से इस कार्य को ग्रासरूट स्तर तक प्रभावी रूप से अंजाम दे।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सोशल ऑडिट प्रभावी माध्यम है। इस व्यवस्था को और मजबूत बनाएं ताकि योजनाओं का निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो और पात्र परिवारों को इनका पूरा लाभ मिल सके। कोविड को ध्यान में रखते हुए मनरेगा में व्यक्तिगत श्रेणी के काम अधिक से अधिक किए जाएं। इस दौरान यह भी ध्यान रखा जाए कि भूमिहीन श्रमिकों को भी मनरेगा में पर्याप्त काम मिले।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण स्थगित किए गए मनरेगा कार्य 24 मई से पुनः प्रारंभ किए गए हैं। श्रमिकों के नियोजन के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक श्रेणी के कार्य उपलब्ध हैं। इन कार्यों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर सर्वे के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल की पालना के लिए आईईसी गतिविधियों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान जिन लोगों में आईएलआई लक्षण नजर आ रहे हैं, उन्हें मेडिकल किट का वितरण किया गया है।

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