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जालोर जिले के साँचोर कोरोना संक्रमण की महामारी के दौरान अगर संक्रमित मरीज और चिकित्सकों का हौसला बुलंद हो तो किसी भी परिस्थिति में मरीज को नया जीवनदान दिया जा सकता है, कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों ऑक्सीजन लेवल 50 से नीचे चले जाने पर जीने की उम्मीद खत्म हो जाती है वह अस्पताल प्रशासन में गंभीर हालात के मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देने की तैयारी में लग जाता है वहीं चिकित्सक भी इलाज से हाथ पीछे हटा लेते हैं ऐसे में मौत के अतिरिक्त संक्रमित मरीज के सामने कोई विकल्प नहीं होता है, किंतु इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शहर की 20 वर्षीय उर्वशी पुरोहित ने चिकित्सकों के हौसले और कठोर मेहनत के सहारे हिम्मत नहीं हारते हुए कोरोना की जंग जीत कर परिवार के साथ खुशियां मना रही है।

जी हां असंभव लगने वाला यह मामला शहर के बिलाल हॉस्पिटल के कोविड-19 सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम जिसमें डॉक्टर बाबूलाल , डॉक्टर अश्विन जी पटेल, जोगाराम, कोविड वार्ड इंचार्ज डॉ सुखेन्द्रसिंह ने यह कामयाबी हासिल करके 38 लेवल के स्तर पर पहुंची कोरोना संक्रमित मरीज उर्वशी पुरोहित को नई जिंदगी दे दी साथ ही उसमें वे आत्मविश्वास और जज्बा पैदा कर दिया जिसके बदौलत आज वह परिवार के बीच आंगन में खुशियां बांट रही है वहीं परिवार के सदस्य अस्पताल प्रशासन के चिकित्सकों को दुआएं देते नहीं थक रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान गंभीर स्थिति में कोविड-19 में सेंटर में बढ़ती हुई उर्वशी की गंभीर स्थिति को देखकर परिवार के परिजनों को जीने की कोई उम्मीद नजदीक नजदीक नजर नहीं आ रही थी। ऐसी परिस्थिति में चिकित्सकों के इलाज की एक मात्र उम्मीद का रास्ता था। इस दौरान अस्पताल की पूरी टीम डॉक्टर अश्विन पटेल के नेतृत्व में गंभीर हालत के बीच जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही उर्वशी को बचाने में जुट गई और आखिर मात्र 6 दिन में ऑक्सीजन का लेवल 38 से बढ़ाकर 96 पर ले आए, जिसकी सूचना जब परिजनों को मिली तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े, वही उर्वशी के चेहरे पर जिंदगी के नए सफर की मुस्कान लौट आई।

पिता बोले किस शब्द से शुक्रिया अदा करू, तो बेटी बोली चिकित्सको के हौसले ने नया सवेरा दिया- कोरोना संक्रमण से ग्रसित उर्वशी ने जब ठीक होकर अस्पताल से विदाई ली तो उसकी आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे थे वही चेहरे पर आत्मविश्वास और जिंदगी को मिले नए सवेरे की झलक देखने को मिल रही थी। उर्वशी के पिता तुलसाराम पुरोहित ने बताया कि चिकित्सकों उम्मीद को छोड़ देने वाले मामले में परिवार को जो खुशियां दी है उसका किस शब्दों से शुक्रिया अदा करूं बेबी कम है। उन्होंने बताया कि जिस गंभीर अवस्था में कोविड-19 में सेंटर में बालिका को भर्ती करवाया गया था उस परिस्थिति में परिवार में निराशा और दुख का माहौल था कि संक्रमित गंभीर बीमारी के लेवल के आधार पर उर्वशी को बचाना असंभव है भगवान की दुआ और चिकित्सकों के अथक प्रयास की बदौलत कोरोना की जंग जीत कर जब बिटिया घर की ओर लौट रही है तो मन में खुशियों के समुद्र हिलोरा ले रहा है। उन्होंने इस कार्य के लिए बी लाल हॉस्पिटल का शुक्रिया अदा किया।

इनका कहना है-
उर्वशी कोरोना से सकर्मित हो गयी थी, ओक्सिजन लेवल 38 पर पहुँच गया था, तब हम लोग बिलाल हॉस्पिटल के कोविड़ सेंटर लेकर आ गए, बिटिया की गम्भीर हालत पर परिजनों ने उमीदें छोड़ दी थी , किन्तु बिलाल हॉस्पिटल के डॉ बाबुलाल बिश्नोई, डॉ अश्विन पटेल की टीम ने कड़ी मेहनत करके बिटिया को बचा लिया। पूरी टीम का बहुत बहुत शुक्रिया। इस सकारात्मक कार्य की सफलता में वन मंत्री सुखराम बिश्रोई, पालिकाध्यक्ष नरेश सेठ, डॉ मनोज बिश्रोई व डॉ अशोक बिश्रोई का लगातार मिलता रहा मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण साबित हुआ। तुलछाराम पुरोहित, विकास अधिकारी पंचायत समिति साँचोर व मरीज उर्वशी के पिता।

उर्वशी कोविड से संक्रमित थी, इस दौरान गंभीर स्थिति में परिजन कोविड-19 सेंटर लेकर आए थे। इस दौरान मरीज का ऑक्सीजन लेवल 38 था, ऐसे मरीज को बचा पाना मुश्किल होता है, परिजनों के अनुरोध पर मरीज को कोविड सेंटर में भर्ती किया गया और चिकित्सकों की पूरी टीम डॉक्टर अश्विन पटेल के नेतृत्व में दिन-रात जुटी रही और आखिरकार जिस मरीज के बचने की उम्मीद परिजन छोड़ चुके थे उसको कठोर परिश्रम करके अस्पताल की टीम ने बचा लिया जिससे परिवार में आज खुशी का माहौल है।
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