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कोटा जिले में कोरोना से खौफजदा लोग अब सामान्य मौत के मामलों में भी अपनों से भी किनारा करने लगे हैं. हालात ऐसे हो गये हैं की कई जगह लोगों को मौत के बाद उनको मोक्षधाम तक पहुंचाने वाले कंधे तक मयस्सर नहीं हो पा रहे हैं।
कोरोना ने संवेदनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है. लेकिन फिर भी कई ऐसे रहनुमा हैं जो इंसानीयत को अभी जिंदा रखे हुये हैं. ऐसा ही एक मामला कोचिंग सिटी कोटा में सामने आया है. यहां भी एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके शव को कंधा देने के लिए कोई रिश्तेदार नहीं आया तो क्षेत्र के मुस्लिम समाज के युवकों ने अर्थी को कंधा देकर उसे मुक्तिधाम पहुंचाया. बाद में वहां पूरे रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार करवाया।

कोई रिश्तेदार नहीं आया आगे
ताजा मामला साजी देहड़ा के किशोरपुरा का है. यहां पुरुषोत्तम शर्मा और उनकी पत्नी ममता शर्मा रहते थे. शर्मा पिछले कुछ दिनों से ठीक महसूस नहीं कर रहे थे. मंगलवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई. उनके साथ सिर्फ उनकी पत्नी ममता शर्मा थी. शर्मा की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार तक करवाने के लिये भी कोई रिश्तेदार आगे नहीं आया।

जब यह बात स्थानीय पार्षद सलीना शेरी को पता चली तो उन्होंने क्षेत्र के युवाओं वहां भेजा. उसके बाद आसपास के कुछ लोग भी आगे आए. अंतिम संस्कार की सामग्री मंगाई गई. कर्म योगी सेवा संस्थान के राजाराम कर्मयोगी ने अंतिम संस्कार की सामग्री उपलब्ध करवाई. क्षेत्र के मुस्लिम समाज के युवक अर्थी को कंधा देकर उसे मुक्तिधाम ले गये.
पत्नी ममता ने दी मुखाग्नि
वहां रीति रिवाज से पुरुषोत्तम शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया. मुखाग्नि उनकी पत्नी ममता शर्मा ने दी. पार्षद धीरेंद्र चौधरी ने नगर निगम से निशुल्क लकड़ी की व्यवस्था करवाई. अंतिम संस्कार के दौरान क्षेत्र के शाहिद अली, मोहम्मद फरीद, जहीर खान, जाकिर, शाहरुख और सलीम शेरी उपस्थित रहे.
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