गांव-गांव में कोविड की दूसरी दस्तक से मौतो का ग्राफ बढ़ा

PALI SIROHI ONLINE

राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर के कहर बरपाने के पीछे ब्रिटेन का स्ट्रेन है। इसके चलते न सिर्फ पहली लहर की तुलना में मौतें ज्यादा हो रही हैं। बल्कि इस बार कोरोना गांवों में भी फैल गया है। गांवों मे चिकित्सा इंतजाम पर्याप्त न होने के कारण लोगों को न उपचार मिल पा रहा है और वैक्सीन की कमी के कारण युवाओं में वैक्सीनेशन भी नहीं हो पा रही।

प्रदेश में लिए गए कोरोना के जीनोम सिक्वेंसिंग के नमूनों को जांच के लिए पुणे स्थित लैब भेजा गया था, जहां इसमें ब्रिटेन का स्ट्रेन होने की पुष्टि हुई है. शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक, इसी के चलते इस बार राजस्थान में कोरोना संक्रमण न सिर्फ तेजी से फैल रहा है। बल्कि मौतें भी पिछली लहर की तुलना में कई गुना ज्यादा हो रही हैं. स्वास्थ्य और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के मुताबिक, जयपुर में भी जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी. अभी तक देश में 10 जगह ही ऐसी लैब हैं।

प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के बावजूद मौत में कमी के बजाए बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रदेश में पिछले साल 22 मार्च से 31 मार्च तक लगे पहले लॉकडाउन में एक भी मौत नहीं हुई थी। दूसरे लॉकडाउन 1 से 18 अप्रैल 2020 में 21, तीसरे लॉकडाउन 19 अप्रैल से 17 मई में 117 मौतें, चौथे लॉकडाउन 18 मई से 31 मई में 56 और अब जारी पांचवें लॉकडाउन में तीन दिन में ही 493 मौतें हो चुकी हैं।

कोरोना की दूसरी लहर का वार गांवों में अधिक हो रहा है. एक आकलन के मुताबिक, गांवों में दस लाख से ज्यादा लोग कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों के शिकार हैं. उन्हें खांसी-जुकाम और बुखार की शिकायत है. लेकिन गांवों में कोरोना की जांच नगण्य है और स्थानीय चिकित्सक भी सामान्य वायरल की दवा देकर लोगों को घर भेज रहे हैं. इसके चलते गांवों में कोरोना तेजी से फैल रहा है।

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