किसी व्यक्ति के संतान नहीं होना किश्मत की बात… लेकिन जब कोई बेजुबान पशु पक्षियों और जानवरों को अपनी संतान मान ले तो…

PALI SIROHI ONLINE

चितोडगढ़। यह कहानी नही हकीकत है। किसी व्यक्ति के संतान नहीं होना परमात्मा का विचार कहा जाता है लेकिन जब कोई बेजुबान पशु पक्षियों और जानवरों को अपनी संतान मान ले तो क्या कहा जाए जी हां ऐसा ही एक मामला चित्तौड़गढ़ का है जहां एक दंपति ने अपना जीवन जन जागरूकता और बेजुबान पशु पक्षियों के नाम कर दिया है।

वीडियो में दिखाई दे रहा दृश्य चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन में रह रहे अजमेर जिले के मूलनिवासी विजय सिंह की दुकान है जिसमें वाहनों की सीट खुद आदि बनाने का काम करते हैं। 9 सालों से कपासन में रह रहे विजय सिंह का जीवन एक मिसाल है। उन्होंने कई पक्षी दुकान में पाल रखे हैं। तो कहीं पक्षी दाना पानी की आस में इनकी दुकान पर आते हैं। उनके खुद के कोई संतान नहीं है। इसलिए उन्होंने और उनकी पत्नी ने इन पशु पक्षियों को ही अपनी संतान मान लिया है। इनकी छोटी सी दुकान से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इन पशु पक्षियों के दाने चारे के लिए जाता है इनकी पत्नी दिन भर लावारिस गायों की सेवा में लगी रहती है।

खुद की हुड सीट की दुकान होने के चलते आवारा पशुओं के लिए इन्होंने 1 रैग्जीन की प्याऊ भी बना रखी है। कोरोना संक्रमण के पहले दौर में विजय सिंह 7000 से ज्यादा लोगों को निशुल्क मास्क एवं फेस शीट बनाकर भेंट दी है।

इनकी मोटरसाइकिल पर भी जागरूकता के नारे लिखे हैं। इतना ही नहीं मरने के बाद भी यह शरीर किसी के काम आए इसलिए इन्होंने देहदान की घोषणा भी कर रखी है।

आज भी जब कोरोना इतना फेल रहा है तो इन्हें कोई बिना वजह घूमता दिखाई देता है तो उसे टोकने में विजय सिंह परहेज नहीं करते हैं साथ ही जब कोई भी बिना मास्क दिखाई देता है तो उसे हाथों हाथ मास्क देकर घर में रहने की ताकीद करते हैं सच है ऐसे ही लोगों की वजह से जागरुकता आएगी और हम एक बार फिर कोरोना से जंग जीतेंगे।

विजय सिंह

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